shabd-logo

संयुक्त परिवार

22 अगस्त 2024

12 बार देखा गया 12
      शीर्षक ---संयुक्त परिवार    

संयुक्त परिवार का घर
 जहाँ बसी होती है बचपन की सारी खुशियाँ ।

जहाँ दादा दादी का प्यार होता था,
जहाँ माँ बाबा का लाड़ होता था।

जहाँ चाचू बुआ का दुलार होता था,
वहीं भाई बहन का लड़ाई वाला प्यार होता था।

जिन्होंने अंगुली पकड़ के चलना सिखाया,
जिन्होंने संस्कारों की धरोहर दिया।

जिनके संग होती थी हमारी शरारतें,
जिन्होंने लाड़ प्यार से भरा जीवन दिया।

भला -बुरा, ऊंच -नीच,
अपने -पराये खुशी- गम,

बहुत सारी ज्ञान की बातें जिन्होंने,
सीख लाये।

जिनके संग होती थी हम सब की,
खट्टी मिठी  बातें।

कितने प्यार से रहते थे हम सब,
अपने संयुक्त परिवार वाले  घर में,

 जहाँ थोड़ी तकरारें भी होती थी और मनमुटाव भी होता था 

फिर भी सब मिलजुल कर रहते थे,

बहुत कुछ सीख भी मिल जाता था,
खेल खेल में।

अपनों के संग अपने संयुक्त परिवार वाले के घर में,
नही किसी चीज की फिक्र होता था।

बस आजादी से बचपन बीतता था,

आज भी सब कुछ याद है,
अपने संयुक्त परिवार के घर के बीती बातें,

उन्हें याद करके आज भी ऑंखें,
गीली हो जाती है।

आज भी सब कुछ यादों में वैसे ही है,
बस हम ही कुछ ज्यादा बड़े हो गए,
अपने संयुक्त परिवार को छोड़ कर के l

आज  हमने अपने संयुक्त परिवार के घर की बगिया को फिर से लिख, कर महाका दिया यादों से।।,




सुकून की अन्य किताबें

empty-viewकोई किताब मौजूद नहीं है
4
रचनाएँ
भींगा सावन
0.0
मेरीनई किताब भींगा सावन जिसमें प्यार दोस्ती रोमंस की कविता पढ़ने कोमिलेगीछोटी छोटी सी
1

मित्रता दिवस 2024

3 अगस्त 2024
3
0
0

शीर्षक --प्यारा दोस्तप्यारा दोस्त सुन कर, आंखों में आंसू आ गया ।वो अनजाना चेहरा ,मेरी पहचान बन गया ।उसकी यादें मेर

2

संयुक्त परिवार

22 अगस्त 2024
1
0
0

शीर्षक ---संयुक्त परिवार संयुक्त परिवार का घर जहाँ बसी होती है बचपन की सारी खुशियाँ ।जहाँ दादा दादी का प्यार होता था,जहाँ माँ बाबा का लाड़ होता था।जहाँ चाचू

3

श्री कृष्णजन्माष्टमी

26 अगस्त 2024
1
1
1

शीर्षक--मेरे कान्हामेरेकान्हा ओ मेरे कान्हातेरा जन्म पापों का उद्धार किया हैजब जब धरती पर बढ़ी है बुराईतब तब तूने आकरउनका किया संहारओ मेरे कान्हा ओ मेरे कान्हापाप की मटकी भरी हैआकर अब तो आकरफोड़ दोजग

4

जय श्री गणेश

7 सितम्बर 2024
3
1
1

गणपति ज्ञान ध्यान बुद्धि के राजा गणपति का आज दरबार सजा मन से जो भी मांगोगे आज सबको दें जाएंगे गणपति महाराजा खुशियों से सबकी झोली भर देंगे जिसका नही है किसी

---

किताब पढ़िए