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शुरुआत

15 अप्रैल 2015

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नींद- अधिक सोना समय को खोना माना जाता है, साथ ही यह दरिद्रता का कारण बनता है। इसलिए नींद भी संयमित, नियमित और वक्त के मुताबिक हो यानी वक्त और कर्म को अहमियत देने वाला धन पाने का पात्र बनता है। तन्द्रा- तन्द्रा यानी ऊंघना निष्क्रियता की पहचान है। यह कर्म और कामयाबी में सबसे बडी बाधा है। कर्महीनता से लक्ष्मी तक पहुंच संभव नहीं। डर- भय व्यक्ति के आत्मविश्वास को कम करता है, जिसके बिना सफलता संभव नहीं। निर्भय व पावन चरित्र लक्ष्मी की प्रसन्नता का एक कारण है। क्रोध- क्रोध व्यक्ति के स्वभाव, गुणों और चरित्र पर बुरा असर डालता है। यह दोष सभी पापों का मूल है, जिससे लक्ष्मी दूर रहती है।आलस्य- आलस्य मकसद को पूरा करने में सबसे बडी अडचन है। संकल्पों को पूरा करने के लिए जरूरी है आलस्य को दूर ही रखें। यह अलक्ष्मी का रूप है। दीर्घसूत्रता- जल्दी हो जाने वाले काम में ज्यादा देर लगाना, टालमटोल या विलंब करना।
राघवेन्द्र कुमार

राघवेन्द्र कुमार

ग्रहणीय शब्दांकन .

1 मई 2015

शब्दनगरी संगठन

शब्दनगरी संगठन

बहुत ही खूब लिखा है ...

15 अप्रैल 2015

अमित

अमित

श्री गणेशः नमः

15 अप्रैल 2015

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शुरुआत

15 अप्रैल 2015
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नींद- अधिक सोना समय को खोना माना जाता है, साथ ही यह दरिद्रता का कारण बनता है। इसलिए नींद भी संयमित, नियमित और वक्त के मुताबिक हो यानी वक्त और कर्म को अहमियत देने वाला धन पाने का पात्र बनता है। तन्द्रा- तन्द्रा यानी ऊंघना निष्क्रियता की पहचान है। यह कर्म और कामयाबी में सबसे बडी बाधा है। कर्महीनता से

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भारतीय विज्ञान और संस्कृत

15 अप्रैल 2015
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4th Bhartiya Vigyan Sammelan & Expo 2015 6th - 8th February 2015, Goa Background Use of Science & Technology (S&T) is an important factor in Nation building. With its rich traditional knowledge and practices, with its youth and above all, with its desire and determination to prosper , India looks

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प्राप्त करने योग्य गुण ईश्वर के

16 अप्रैल 2015
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..ऐश्वर्य समग्रस्य शौर्यस्य यशस्य: श्री: ज्ञानं वैराग्योश्च ष्ष्णम् भग इतिरणाम,

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धर्मो रक्षति रक्षितः

6 मई 2015
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शंखनाद २०१२ से –धर्मो रक्षति रक्षितः धर्मो रक्षति रक्षितः अर्थात तुम धर्म की रक्षा करो, धर्म तुम्हारी रक्षा करेगा| इसे इस प्रकार भी परिभाषित किया जा सकता है कि “धर्म की रक्षा करो, तुम स्वतः रक्षित हो जाओगे| इस एक पंक्ति

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बड़ी मेहनत से घर बनाते हैं तुम आशियाँ छीन लेते हो

14 नवम्बर 2015
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क्या गुनाह किया है हमने जो हमारी खुशियाँ छीन लेते हो बड़ी मेहनत से घर बनाते हैं तुम आशियाँ छीन लेते होकभी एक किसान का बेटा, बचपन से खेतो की मेड़ो पे मरता है सरकारी नौकरी का सपना लेकर पल पल दीपक की लौ सा जलता है जिसके घर न कभी रौशनी आई ,न भर पेट मिला खाना फिर भी अपने सपनो की दुनिया पाने को हर पल आहें भ

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फ़्रांस हमला और पश्चिम का आतंकी चश्मा

14 नवम्बर 2015
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 फ़्रांस आतंकी हमलों का नया पसंदीदा ठिकाना बन गया है. विशेषकर, 2015 के शुरू से ही एक के बाद एक हमले ने इस पश्चिमी देश को डराने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. आतंकियों का वर्तमान हमला इस साल फ्रांस में होने वाला छठा आतंकी हमला है. थोड़ा पीछे से चला जाय तो, 7 जनवरी, 2015 को पेरिस में मशहूर व्यंग्य पत्रिका चा

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