Singh ji
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Engineer by profession & a self made poet
एक ऒर कदम
“बढ़ता जाता एक और कदम” एक और कदम एक कविता संग्रह है जिसमें जिसे चार भागो मे विभाजित किया गया है प्रेरणादायक अनुभूति सामाजिक और बेतरतीब इस किताब को पढ़ने वालों को अलग-अलग भावनाओं से गुजरने का मौका मिलेगा ऐसी कवि की आशा और प्रयास भी। कुछ कवितायें जैसे
एक ऒर कदम
“बढ़ता जाता एक और कदम” एक और कदम एक कविता संग्रह है जिसमें जिसे चार भागो मे विभाजित किया गया है प्रेरणादायक अनुभूति सामाजिक और बेतरतीब इस किताब को पढ़ने वालों को अलग-अलग भावनाओं से गुजरने का मौका मिलेगा ऐसी कवि की आशा और प्रयास भी। कुछ कवितायें जैसे
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