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एक ऒर कदम

Singh ji

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5 अगस्त 2022 को पूर्ण की गई

“बढ़ता जाता एक और कदम” एक और कदम एक कविता संग्रह है जिसमें जिसे चार भागो मे विभाजित किया गया है प्रेरणादायक अनुभूति सामाजिक और बेतरतीब इस किताब को पढ़ने वालों को अलग-अलग भावनाओं से गुजरने का मौका मिलेगा ऐसी कवि की आशा और प्रयास भी। कुछ कवितायें जैसे अथक प्रयास, बढ़ता जाता एक और कदम,आवाज उठाओ,सीमा पर जवान,हम भारत है जैसी कविताएं मन में उत्साह भरने वाली है कुछ कविताएं सोचने को मजबूर करने वाली है जैसे समीकरण, जरिया, वजह, गलतियाँ आदि। कुछ समाज से प्रेरित है जैसे बराबरी,दुआ,एक रस्सी दो हाथ ,पेड़ जैसा, हाथरस जो एक सामाजिक आईना दिखाती है । कुछ कविताएं जैसे दिया और फूल,गुलाब के हिस्से में,चढ़ती उतरती सीढ़ियाँ एक अलग तरह की प्रस्तुति करने की कोशिश है । अब ये तो पढ़ने वालों पर है के उनको इस किताब से क्या उम्मीदे है और इसे पढ़ने पर वो कैसा महसूस करेंगे पर कवि का काम तो लिखना है लिखते रहना है और इस काम मे कार्यरत रहना उसका कर्तव्य भी है और शौक भी । भगत सिंह  

ek ar kadam

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