वास्तु प्रचलन में है और वास्तु सम्मत घर सुख-समृद्धि कारक है। वास्तु सम्मत घर सभी बनाना चाहते हैं। यदि आप भी अपनाना चाहते हैं पर अपना नहीं पा रहे हैं क्योंकि आपका घर तो पुराना है और बना हुआ है। ऐसे में वास्तु कैसे अपनाएं।
आप चाहे तो वास्तु न अपनाएं पर ईशान का प्रबन्धन कर लेंगे तो बहुत सी समस्याओं से मुक्ति मिल जाएगी और रुके कार्य भी बन जाएंगे। खर्चों में कमी आ जाएगी, रोग पर धन कम खर्च होने लगेगा। जीवन में धनलाभ से आर्थिक तंगी दूर होने लगेगी। जीवन में छाया मंदा और अंधेरा छंटने लगेगा। ईशान के प्रबन्धन के लिए नीचे लिखे दस वास्तु टिप्स अपनाएं-
1. पूजा सिर्फ ईशान कोण में करें। कहने का तात्पर्य यह है कि पूजा सदैव उत्तर, पूर्व या ईशान की ओर मुख करके ही करें। ऐसा करने से स्वास्थ्य, धन एवं समृद्धि तीनों मिलते हैं और मन में शान्ति बरकरार रहती है।
2. ईशान कोण्ा सदैव साफ रखना चाहिए। जैसे रोज चेहरे को साफ करते है वैसे ही ईशान कोण को चमकाकर रखें।
3. प्रत्येक कमरे का ईशान कोण हल्का, खाली व साफ रखने से धन, स्वास्थ्य एवं समृद्धि तीनों मिलने लगेंगे।
3. ईशान कोण में शौचालय, जीना एवं स्टोर नहीं होना चाहिए। यदि है तो इनकी जगह बदलें।
4. किचन में गैस सदैव दक्षिण्ा या दक्षिण-पूर्व में जलाएं। यदि स्लैब नहीं बना है तो मेज रखकर जलाएं। इससे गृह क्लेश में कमी आएगी और परस्पर वैचारिक मतभेद कम होंगे।
5. किचन में पानी की स्थापना ईशान या उत्तर की ओर ही करें।
6. गृह में मुख देखने वाला शीश सदैव उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व की दीवार पर ही लगाएं। इसके अतिरिक्त किसी अन्य दीवार पर न लगाएं।
7. किचन में कभी भी रात को झूठे बर्तन न रखें, यदि रखेंगे तो आर्थिक तंगी या धनप्राप्ति में बाधाएं या विलम्ब होगा।
8. उत्तर या उत्तर-पूर्व की ओर मुख करके भोजन करने से हाजमा ठीक रहता है और स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
9. ईशान में झाड़ू, पोचा, डस्टबिन न रखें।
10. ईशान कोण सदैव साफ रखें और प्रत्येक कमरे का साफ रखने, खाली रखने मात्र से घर में धन, सुख व शान्ति रहती है।