3 सितम्बर 2015
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खुशमिज़ाज तथा परले दर्जे की बातूनी। नयी जगहें देखना, नए लोगों से मिलना, दोस्त बनाना, छायाचित्रकारी - इन सब में रूचि रखती हूँ। D
अपनी आस्था, विश्वास एवं संस्कृति की उपेक्षा कर स्वयं को उन्नतिशील मान लेना सर्वथा अनुचित है !
4 सितम्बर 2015