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1 किताब
दर्द होता है तो इंसान रोता है जब अपने जुदा होते हैं तो इंसान रोता है जब दिन भर मालिक की डॉट खा कर घर पर आए और ओ भूखा सो जाए तो इंसान रोता है और जब एक पुरुष रोता है तो इसका मतलब ओ बहुत ही जादा टूट चुका
लेट ऑफिस में होता हूं ओ कहती है होटल में पार्टी करते होमैं उसकी बात रखने को अक्सर भूखा सोता हूं
चांद गए हैं चंद्रयान जीवन की ले आस पंद्रह दिन अंतराल के फिर जागे विश्वास जीते हैं हर बार हम फिर जीतेंगे आजघूमन लागे चंद्रयान फिर से आधा मास
नाजुक सी उंगलियों में कहीं दर्द न हो जाए खुद ही पढ़ दूंगा मैं लिफाफा निकाल कर जिंदा हूं इस लिए कि मेरी जिन्दगी तुम हो तुम ले गए हो जान मेरी आधा निकाल कर
गंगा पूजे जमुना पूजे, पूजे चारो धाम. &nb
कोई तो काबिलियत होगी मुझ गरीब में शायद, ,,शहर की एक अम