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खयाल

19 सितम्बर 2023

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नाजुक सी उंगलियों में कहीं दर्द न हो जाए 
खुद ही पढ़ दूंगा मैं लिफाफा निकाल कर 
जिंदा हूं इस लिए कि मेरी जिन्दगी तुम हो 
तुम ले गए हो जान मेरी आधा निकाल कर 

                             सोमू गुप्ता ऑथर 

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मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

वाह क्या खूब लिखा है आपने सर 👌 आप मेरी कहानी पर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏

20 सितम्बर 2023

somu gupta author

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20 सितम्बर 2023

Ji bilkul

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

बहुत खूबसूरत लिखा है आपने 👍🙏

20 सितम्बर 2023

somu gupta author

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20 सितम्बर 2023

Thanks

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पुरूष

28 अगस्त 2023
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दर्द होता है तो इंसान रोता है जब अपने जुदा होते हैं तो इंसान रोता है जब दिन भर मालिक की डॉट खा कर घर पर आए और ओ भूखा सो जाए तो इंसान रोता है और जब एक पुरुष रोता है तो इसका मतलब ओ बहुत ही जादा टूट चुका

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Have a say

28 अगस्त 2023
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लेट ऑफिस में होता हूं ओ कहती है होटल में पार्टी करते होमैं उसकी बात रखने को अक्सर भूखा सोता हूं

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चंद्रयान

13 सितम्बर 2023
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चांद गए हैं चंद्रयान जीवन की ले आस पंद्रह दिन अंतराल के फिर जागे विश्वास जीते हैं हर बार हम फिर जीतेंगे आजघूमन लागे चंद्रयान फिर से आधा मास

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खयाल

19 सितम्बर 2023
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माँ बाप

5 दिसम्बर 2023
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गंगा पूजे जमुना पूजे, पूजे चारो धाम. &nb

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शायरी

10 दिसम्बर 2023
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कोई तो काबिलियत होगी मुझ गरीब में शायद, ,,शहर की एक अम

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