मुझे अच्छी तरह से याद है कि मेरे दादा जी को किसी करीबी के द्वारा एक विवाह का निमंत्रण पत्र भेजा गया जिसे पहुचने में करीब बीस- पच्चीस दिन लगे होंगे| जब तक पता लगा की कब विवाह है| तब तक विवाह हो चुका था| वह भी कुछ अलग ही दौर था और एक आज का दौर है| जहाँ केवल कुछ ही सेकंड में हम अपने संदेश को दुसरे तक पंहुचा सकते है| यह आज के ज़माने का सशक्त माध्यम है| जिसके द्वारा कोई भी अपनी बात को प्रभावी तरीके से कह सकता है|
जैसे जैसे समय व्यतित होता गया वैसे वैसे सन्देश वाहको की जगह इलेक्ट्रोनिक संचार ने ले लिया | इलेक्ट्रोनिक संचार में अपनी बात रखने के लिए कुछ नए माध्यम बनाये गए है| जिन्हे ऐप कहा जाता है जैसे फेसबुक, टवीटर, लिंकनडिन, व्हाट्सएप्प इत्यादि| जिन्हे इंटरनेट के द्वारा चला कर अपने सन्देश को भेजा जाता है| जहाँ किसी दौर में पत्र लिख कर सन्देश भेजा करते थे| अब अपने सन्देश को ऐप के माध्यम से लिख या रिकॉर्ड कर भेजा जाता है| सोशल मीडिया की ताकत का अंदाजा बस कल की घटना से लगाया जा सकता है| जिसमें क्रिकेट खिलाडी अर्शदीप सिंह को खालिस्तानी कहने पर पुरे देश में आक्रोश का माहौल हो गया| इस एक घटना ने न केवल देश में बल्कि विश्व में हंगामा खड़ा कर दिया है| लोग सोशल मीडिया पर अर्शदीप के समर्थन आ गए हैं | यह है सोशल मीडिया की ताकत जहां सन्देश को पहुँचने में कुछ ही सेकंड लगते हैं| सरकारें भीअब अपना प्रचार प्रसार सोशल मीडिया के जरिए कर रही हैं| जिससे जन प्रतिनिधि का संपर्क सीधा जनता से हो सके| पिछले चुनावों में सोशल मीडिया का जमकरा फायदा उठाया गया और इसका असर भी देखने को मिला| ग्रामीण क्षेत्रों में नरेगा पर काम करने वालों की हाजरी भी अब ऑनलाइन हो गई है|
इस बदलते दौर में युवाओं ने इस इसे तेजी से अपनाया है| कंपनिया भी इसे ओर गति देने के लिए अब फॉइव- जी और सिक्स-जी को लाने की तैयारी में है| जिससे सन्देश भेजने में और तीव्रता आ सके| आने वाले समय में बिना रुकावट के आमने सामने बैठ कर बातचीत की जा सकेगी |