सृष्टि स्नेही
मुझे मेरी कलम से प्यार है क्योंकि, वह कभी झूठ नहीं बोलती। मेरी कलम मेरे हृदय की भावनाएँ व्यक्त करती है। मैं कोई सर्वश्रेष्ठ ज्ञाता नहीं हूँ बस, ज़िन्दगी से मिले अनुभव को कागज़ पे उतारती हूँ। आप सबसे मेरा हृदयपूर्ण अनुरोध है कि, सिर्फ मेरी रचनाओं को पढ़ें, कृपया मुझे पढ़ने की चेष्टा ना करें।
प्रेम झंकार
इस किताब में एक से बढ़कर एक प्रेम काव्य पढ़ने को मिलेंगे। कहीं बारिश में भीगता प्यार, कहीं प्यार का इज़हार, कहीं बढ़ती नज़दीकियों का ख़ुमार, तो कहीं जज़्बातों की बहार। प्यार के हर रंग को देखने के लिए पुस्तक को अंत तक पढ़ें।
प्रेम झंकार
इस किताब में एक से बढ़कर एक प्रेम काव्य पढ़ने को मिलेंगे। कहीं बारिश में भीगता प्यार, कहीं प्यार का इज़हार, कहीं बढ़ती नज़दीकियों का ख़ुमार, तो कहीं जज़्बातों की बहार। प्यार के हर रंग को देखने के लिए पुस्तक को अंत तक पढ़ें।
गुलाब की सूखी पँखुड़ी
यह कहानी एक ऐसी लड़की की है जिसका प्यार में मिले धोखे की वजह से इससे विश्वास उठ चुका है। उसे प्यार शब्द से भी नफ़रत है। अब उसे सिर्फ जीने की एक वजह तलाशनी है। वो वजह, वो मंज़िल उसे कैसे मिली जानने के लियर कहानी को अंत तक पढ़ें।
गुलाब की सूखी पँखुड़ी
यह कहानी एक ऐसी लड़की की है जिसका प्यार में मिले धोखे की वजह से इससे विश्वास उठ चुका है। उसे प्यार शब्द से भी नफ़रत है। अब उसे सिर्फ जीने की एक वजह तलाशनी है। वो वजह, वो मंज़िल उसे कैसे मिली जानने के लियर कहानी को अंत तक पढ़ें।
सृष्टि स्नेही की डायरी
यह पुस्तक एक डायरी जैसी है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाएँ न कविता हैं और ना ही कहानियाँ। इस पुस्तक में छोटे छोटे विचार प्रकाशित हैं।
सृष्टि स्नेही की डायरी
यह पुस्तक एक डायरी जैसी है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाएँ न कविता हैं और ना ही कहानियाँ। इस पुस्तक में छोटे छोटे विचार प्रकाशित हैं।