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Sudheer Pandey की पुस्तकें

दिल से निकले शब्द

दिल से निकले शब्द

इस किताब में जो भी कविताएं संकलित है सभी मेरे अंतर्मन से निकले विचार हैं जो विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष की देन है, इस पुस्तक को आप सभी पाठकों से स्नेह मिलेगा यही मेरी कामना है धन्यवाद 🙏

निःशुल्क

दिल से निकले शब्द

दिल से निकले शब्द

इस किताब में जो भी कविताएं संकलित है सभी मेरे अंतर्मन से निकले विचार हैं जो विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष की देन है, इस पुस्तक को आप सभी पाठकों से स्नेह मिलेगा यही मेरी कामना है धन्यवाद 🙏

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Sudheer Pandey के लेख

वक्त के शहंशाह

25 अक्टूबर 2021
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हमने कब पकड़ा था उसको<div>वो तो है आजाद पंक्षी</div><div>मुक्त है वो हर रंजो गम से</div><div>हर खुशी

न गिरना अपनी नज़र में

22 अक्टूबर 2021
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गिरने दो मुझे जो मैं गीरता हूं<div>गीर गीर के संभलना सीखूंगा</div><div>चलना जो मुझे नहीं आता है</div

शहिदों की शहादत

13 अक्टूबर 2021
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निराश निगाहों में एक आश थी अब तक<div>अब तो ये आश भी टूट गयी</div><div>लौट के आयेगा इस देश का रक्षक</

जीवन एक पहेली

11 अक्टूबर 2021
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ये खेल अजीब दिखाता है<div>इसे समझ कोई नहीं पाता है,</div><div>बचपन में इसने दिया लालच</div><div>हो ज

शब्दों के तीर

11 अक्टूबर 2021
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गिर गया जो आँसू आँखों से<div>बह गया पीर बनके जो निर</div><div>हो गया बोझ हल्का दिल का</div><div>रह ग

ब्यग्रता मन की

6 अक्टूबर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;">अब फ़र्क नहीं पड़ता के हार हो या जीत हो</span></div><div><span s

वक्त की बाजीगरी

4 अक्टूबर 2021
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वक्त बड़ा ही बाजीगर है<div>खेल है इसके निराले</div><div>दो ही पहलू है इसके</div><div>बस तूं इसको पहच

मेरी तकदीर और मैं

2 अक्टूबर 2021
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जिन्दगी आज फिर खफा खफा सी है<div>रास्ते मंजिलों की जुदा जुदा सी है</div><div>वक्त का ये कैसा फलसफा ह

जीवन के अजनबी डगर पे

27 सितम्बर 2021
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<span style="color: rgb(55, 71, 79); font-family: Roboto, sans-serif; font-size: medium; letter-spac

अजनबी राह और टूटे ख्वाब

24 सितम्बर 2021
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जिन्दगी से हमें कोई गिला नहीं<div>जो समझे हमें वो मिला ही नहीं</div><div>यूं ही अजनबी राहों पे चलते

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