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वक्त की बाजीगरी

4 अक्टूबर 2021

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वक्त बड़ा ही बाजीगर है
खेल है इसके निराले
दो ही पहलू है इसके
बस तूं इसको पहचान ले
एक, जब हो ये साथ तेरे
तब अहंकार मत करना
और कभी जो हो विपरीत
तो सब्र कभी मत खोना
एक सा वक्त कभी न होगा
काम है इसका बदलना
समय का मार बड़ा गहरा है
दर्द तूं इसका सहना
अश्रू जो आये नैनो में
नैनो में ही रखना
वक्त बड़ा ही बाजीगर है
इसके मार को सहना
जो घाव कभी ना भर पाये
ये वक्त उसे भर जाता है
हो अतीत कैसा भी प्यारे
याद उसका तड़पाता है
समय एक सा होता नहीं
ये समय बदल भी जाता है
ये वक्त बड़ा है बाजीगर
ये खेल अजीब दिखाता है......
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रचनाएँ
दिल से निकले शब्द
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इस किताब में जो भी कविताएं संकलित है सभी मेरे अंतर्मन से निकले विचार हैं जो विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष की देन है, इस पुस्तक को आप सभी पाठकों से स्नेह मिलेगा यही मेरी कामना है धन्यवाद 🙏
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