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सुमित कुमार के बारे में

मैं एक उपन्यास लेखक सुमित कुमार वर्तमान समय में प्रतिलिपि एप पर मेरा उपन्यास संजोग एक प्रेम कथा प्रकाशित है

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सुमित कुमार की पुस्तकें

काश मेरा अनपढ़ ही होता

काश मेरा अनपढ़ ही होता

यह किताब पांच कहानियों का एक संग्रह है

0 पाठक
5 रचनाएँ
1 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 14/-

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सुमित कुमार के लेख

प्रतिशोध एक प्रेम कहानी

10 दिसम्बर 2022
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रामलीला का रंगमंच सजा हुआ था चारों और दर्शकों की भीड़ भारी भीड़ थी।, वैसे शिवम बहुत ही सुंदर और सुशील लड़का था और राम के रूप में तो उसकी सुंदरता और भी निखर जाया करती थी,आज रामलीला के मंच पर राम विवाह

कब्रिस्तान का रहस्य

10 दिसम्बर 2022
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रोहन का सपना था। बड़ा समाजसेवी बनना। और वह अपना आदर्श समर सिंह को मानता था। उसका मानना था कि उन जैसा समाज सेवी और कोई नहीं है। उन्होंने महामारी के वक़्त में महामारी से

खूनी तालाब

10 दिसम्बर 2022
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खूनी तालाबसूर्य पृथ्वी के आँचल में छुप गया था। और नभ में उसका स्थान चाँद ले लिया था। चाँद की शरद रोशनी नभ में बिखरी

किसान कहानी संघर्ष की

10 दिसम्बर 2022
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किसान कहानी संघर्ष की Story introduction:- किसान एक साधारण सा शब्द ,काम बहुत महान भूखे लोगों का पेट भरना और उसके लिए चाहे खुद भूखा रहना, आज यही हाल

काश मेरा अनपढ़ ही होता

9 दिसम्बर 2022
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काश मेरा अनपढ़ ही होता शंक

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