अजीब सा हाल हैं तेरे इस शहर का
यहाँ अपने तो बहुत हैं पर अपना सा कोई नहीं।।
अक्सर बदनाम हैं वो इस जमाने में
जो सबसे हँसकर बात करता हैं।
भूल बैठे थे जिसकी हर अदा
महफिल-ए-दुनिया में ।
उसकी एक तस्वीर ने
फिर से दिल को बेचैन कर दिया ।
यूँ तो शामिल है तेरा कुछ अक्स़ मेरे वजूद में अब भी
ये बात और हैं अब तेरी ख़्वाहिश नहीं करते।