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तेरे बिन जीने में रखा क्या है

Mahima vijay


यह एक प्रेम कहानी है माहिर और मीरा की दोनो कॉलेज में मिलते है दोस्त बनते है प्यार होता है लेकिन शादी नही क्योंकि माहिर एक गरीब परिवार से हैं और मीरा अमीर और मीरा के पापा उसकी शादी किसी और से करवाना चाहते है मीरा अपने पिता के खिलाफ नही जाती और उसकी शादी किसी और से तय हो जाती है माहिर मीरा के मंडप में आते ही वहा से चला जाता उसके बाद कई 7साल बाद माहिर को एक अमीर और बड़ा बिजनेस मेन बताते है उसकी शादी हो चुकी है एक बेटा है 4 साल का ऐसे ही एक दिन वो रास्ते से अपनी गाड़ी में जा रहा था के फुटपाथ पर बनी बेंच पर मीरा को बैठा देखा मीरा पूरे साज श्रृंगार में थी लाल साड़ी सिंदूर बिंदी चूड़ी माहिर एक दिन वहा से गुजर गया दूसरे दिन मीरा को वापस वहादेखा उससे रहा नही गया और वो मीरा के पास चला गया वो बैठा दोनो में बाते हुए मुलाकाते हुए दोनो फिरसे दोस्त बने लेकिन इस बार वो प्यार नही था इस बार दोस्ती हुए माहिर की जो भी फैमिली प्रॉब्लम आई या बिजनेस में मीरा से मिलने के बाद धीरे धीरे सब सही हो रहा था दोनो एक दूसरे के लाइफ की ओर लाइफ पार्टनर की बाते किया करते लेकिन मीरा ने कभी नही बातकी माहिर मीरा को अपना सच्चा दोस्त मनने लगा था एक दिन अचानक वो अनिरुद्ध से मिलता है(जिससे मीरा की शादी हुए थी) वो किसी और लड़की के साथ था हनीमून ट्रिपपर माहिर को गुस्सा आता है उसे ऐसे किसी और लड़की के साथ देख कर वो अनिरुद्ध के पास जाता है लड़ाई करता है कहता है की वो मीरा को धोका क्यों दे रहा है तब अनिरुद्ध बताता है की मीरा से उसकी शादी हुए नही वो माहिर के सिवा किसी और से शादी नही कर सकती और अपने पापा की बात नही ताल सकती इसलिए उसने उसी मंडप में अपनी जान देदी माहिर के पेरोतले जमीन खिसक गई हो वो सोचने लगा की इतने वक्त से वो जिससे मिल रहा था वो कोन थी कोन थी वो जो उसे हस्ती थी कोन 

tere bin jiine men rkhaa kyaa hai

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