आहत ठुमके✒️पनघट पर तेरे ठुमकों ने, मरघट से मुझे पुकारा है;कानों में छन से गूँज रही, यह अमर सुधा की प्याला है।बेसुध सा सोता रहा सदा, अब ही तो जा कर जागा हूँ;सौभाग्य प्राप्त हुआ मुझको, वैसे तो निरा अभागा हूँ।तेरे दर्शन करने आयी, यह रूह युगों की प्यासी है;कुदरत ने गोदी म