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ट्रेन वाले अंकल

1 मार्च 2022

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                     आठ साल की मीनू पूरे घर में उछल रही थी। आज वह बहुत खुश थी क्योंकि वह कल अपनी नानी के घर जो जाने वाली थी। उसने अपनी सहेलियों को बता दिया था कि "हम कल नानी के घर जाएंगे, ट्रेन में बैठकर जाएंगे, खूब मजा आएगा।"
          मीनू की माँ पैकिंग करने में व्यस्त थीं। मीनू उनसे बार-बार पूछ रही थी कि "हम कब जाएंगे?" "कितने बजे जाएंगे? मैं कौन सी ड्रेस पहनूॅंगी?"
               सुबह के नौ बजे मीनू अपने पापा मम्मी के साथ रेलवे स्टेशन पहुॅंची। ट्रेन आने में अभी थोड़ा टाइम था। थोड़ी देर बाद ट्रेन आ गई। और यात्रियों में भगदड़ मच गई।
              मीनू के पापा ने मीनू को गोद में उठा लिया और जनरल डिब्बे की तरफ दौड़ लगाई। उसकी मम्मी उनके पीछे थीं। वो ट्रेन में चढ़ गए और उन्हें बैठने की जगह भी मिल गई। लेकिन मीनू उदास थी, क्योंकि उसे खिड़की के पास बैठना था। वह मम्मी से बार-बार जिद कर रही थी। मम्मी ने उसे समझाया कि "बेटा वहाँ जगह नहीं है, इसलिए चुपचाप यहीं बैठी रहो। खिड़की के पास साठ-पैंसठ साल के एक बुजुर्ग व्यक्ति बैठे थे। उन्होंने कहा कि  "बेटा खिड़की के पास बैठना है, बाहर देखना है। आजा मेरे पास बैठ जा।" 
       यह सुनकर मीनू की आॅंखें चमक गईं। उसने मम्मी पापा की तरफ देखा उन्होंने भी सहमति में सिर हिला दिया। मीनू को ऐसा लगा जैसे चॉकलेट का पूरा पेड़ उसे मिल गया हो।
          वह जाकर उस बुजुर्ग व्यक्ति के पास बैठ गई और खिड़की के बाहर देखने लगी। बहुत सारे पेड़, घर, पहाड़....
        लेकिन थोड़ी देर बाद उसने अपनी मम्मी से कहा कि मुझे आपके पास बैठना है। मम्मी ने उससे कहा  "वहीं बैठी रहो बेटा।" मीनू फिर बाहर देखने लगी, लेकिन अब उसे वह सब अच्छे नहीं लग रहे थे। उसने फिर से कहा "मम्मी मुझे आपके पास बैठना है।" 
मम्मी ने कहा "अभी तो तुझे खिड़की के पास बैठना था। अब जगह मिल गई है तो बैठना नहीं है।"
तभी मीनू के पापा बोले कि "ठीक है बच्ची है अब बैठना नहीं है तो उसे बिठा लो अपने पास।
       मीनू मम्मी के पास आकर बैठ गई। पूरे रास्ते चुपचाप बैठी रही। नानी के घर पहुॅंच कर भी उदास दिख रही थी। मम्मी ने सोचा शायद थक गई होगी।
             दूसरे दिन मीनू ने मम्मी को बताया की ट्रेन वाले अंकल बहुत गंदे थे। मुझे उनके पास बैठना अच्छा नहीं लग रहा था। वह बार-बार मेरी पीठ पर नीचे की तरफ हाथ लगा रहे थे। सुनकर मीनू की मम्मी के पैरों तले जमीन खिसक गई उसने अपना माथा ठोका कि क्यों वह अपनी बच्ची की बात समझ नहीं पाई।

 संदेश  :- हम अक्सर अपने बच्चों की बातों पर ध्यान नहीं देते और उनकी समस्या को समझ नहीं पाते, हमें हमेशा अलर्ट रहना चाहिए और बच्चों को गुड टच, बैड टच के बारे में बताना चाहिए और उन्हें समझाना चाहिए। कि ऐसी परिस्थिति में उन्हें क्या करना चाहिए।

Pradeep Tripathi

Pradeep Tripathi

बहुत ही अच्छा संदेश लिए कहानी।

4 मई 2022

कविता रावत

कविता रावत

बच्चो के मनोभावों को समझना जरूरी है बहुत अच्छी प्रेरक कहानी

19 अप्रैल 2022

भारती

भारती

19 अप्रैल 2022

हार्दिक आभार आपका जी 🙏😊

Dinesh Dubey

Dinesh Dubey

बहुत बढ़िया

7 अप्रैल 2022

भारती

भारती

8 अप्रैल 2022

हार्दिक आभार आपका 🙏😊

Amit

Amit

👍👍👍👍👍👍

24 मार्च 2022

रवि रंजन गोस्वामी

रवि रंजन गोस्वामी

विषय को अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया है।

5 मार्च 2022

भारती

भारती

6 मार्च 2022

हार्दिक आभार आपका 🙏🏻😊

काव्या सोनी

काव्या सोनी

Bahut achi story 👌👌👌👌

1 मार्च 2022

भारती

भारती

1 मार्च 2022

हार्दिक आभार आपका 🙏🏻😊

Afresh

Afresh

प्रेरक कहानी👍👍

1 मार्च 2022

भारती

भारती

1 मार्च 2022

हार्दिक आभार आपका 🙏🏻😊

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रचनाएँ
सतरंगी कहानियाँ
5.0
सतरंगी कहानियाँ हमारे आस-पास रोजमर्रा की जिंदगी में घटित होने वाली छोटी-छोटी घटनाओं का संग्रह है। जिनमें जीवन के कई रंगों की झलकियाॅं मिलेंगी। एक बुजुर्ग की घिनौनीं हरकत से सहमी हुई छोटी बच्ची मीनू की कहानी है "ट्रेन वाले अंकल"। "शातिर चोरनी" और "सिलेंडर वाला ठग" कहानियों में पढ़ेंगे कि कैसे आजकल लोग ठगी और लूटपाट की वारदात को अंजाम देते हैं। थोड़ी सी सूझबूझ से इन से कैसे बचा जा सकता है। विचारों के भंवर में गुम आत्म मंथन करते नमन की कहानी है "शादी या समझौता" "कुलदीपक" और "एक मासूम जान" कहानी कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध की हैं। "छलंस की रोटी" में मुस्कान के होठों की आती-जाती मुस्कान को पढ़ेंगे। "उदास मुस्कुराहट" और "छम छम पायल" मन की भावनाओं से ओतप्रोत कहानियाॅं हैं । "प्रयोगशाला में हुआ विस्फोट", "शापित गोला" कहानियों में बचपन की शरारतों का वर्णन किया है। खून के और दिलों के रिश्तों के भंवर में उलझी सिम्मी की कहानी है "रिश्तों का न्याय" "पसीने की खुशबू" पिता पुत्र के प्रेम की कहानी है। "कबाड़े वाला", "रेशमा" ईमानदारी का परिचय देतीं कहानियाँ है। उम्मीद है आपको सतरंगी कहानियों की रंग बिरंगी कहानियाँ पसंद आएंगी।😊 कहानियों के सभी पात्र काल्पनिक हैं।
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ट्रेन वाले अंकल

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आठ साल की मीनू पूरे घर में उछल रही थी। आज वह बहुत

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11 अप्रैल 2022
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"काॅपी, किताब, पेपर की रद्दी बेचो" "लोहा, प्लास्टिक, टीन-टप्पर बेचो" "टूटा, फूटा सामान बेचो" "कबाड़ा बेचो ...... विनीता ने जैसे ही आवाज सुनी वह अपना काम छोड़कर दरवाजा खोलकर बाहर आई और गली में इधर उधर न

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