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सतरंगी कहानियाँ

भारती

15 अध्याय
11 लोगों ने खरीदा
81 पाठक
29 अप्रैल 2022 को पूर्ण की गई
ISBN : 978-93-94647-08-4
ये पुस्तक यहां भी उपलब्ध है Amazon

सतरंगी कहानियाँ हमारे आस-पास रोजमर्रा की जिंदगी में घटित होने वाली छोटी-छोटी घटनाओं का संग्रह है। जिनमें जीवन के कई रंगों की झलकियाॅं मिलेंगी। एक बुजुर्ग की घिनौनीं हरकत से सहमी हुई छोटी बच्ची मीनू की कहानी है "ट्रेन वाले अंकल"। "शातिर चोरनी" और "सिलेंडर वाला ठग" कहानियों में पढ़ेंगे कि कैसे आजकल लोग ठगी और लूटपाट की वारदात को अंजाम देते हैं। थोड़ी सी सूझबूझ से इन से कैसे बचा जा सकता है। विचारों के भंवर में गुम आत्म मंथन करते नमन की कहानी है "शादी या समझौता" "कुलदीपक" और "एक मासूम जान" कहानी कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध की हैं। "छलंस की रोटी" में मुस्कान के होठों की आती-जाती मुस्कान को पढ़ेंगे। "उदास मुस्कुराहट" और "छम छम पायल" मन की भावनाओं से ओतप्रोत कहानियाॅं हैं । "प्रयोगशाला में हुआ विस्फोट", "शापित गोला" कहानियों में बचपन की शरारतों का वर्णन किया है। खून के और दिलों के रिश्तों के भंवर में उलझी सिम्मी की कहानी है "रिश्तों का न्याय" "पसीने की खुशबू" पिता पुत्र के प्रेम की कहानी है। "कबाड़े वाला", "रेशमा" ईमानदारी का परिचय देतीं कहानियाँ है। उम्मीद है आपको सतरंगी कहानियों की रंग बिरंगी कहानियाँ पसंद आएंगी।😊 कहानियों के सभी पात्र काल्पनिक हैं।  

satrangi kahaniyan

0.0(16)

पुस्तक के भाग

1

ट्रेन वाले अंकल

1 मार्च 2022
51
31
12

आठ साल की मीनू पूरे घर में उछल रही थी। आज वह बहुत

2

शातिर चोरनी

2 मार्च 2022
36
26
1

शाम के लगभग चार बजे का समय था। एक औरत गलियों में घूम घूम कर आवाज लगा रही थी चूड़ी ले लो चूड़ी .....लाल, पीली, हरी, नीली चूड़ी..... &

3

छलंस की रोटी

5 मार्च 2022
22
14
1

मुस्कान उदास बैठी थी। विचारों के भंवर में गुम थी। विचार उसके दिमाग में घड़ी की सुई की तरह घूम रहे थे -टिक- टिक- टिक "क्या सोच कर मम्मी पापा ने

4

कुलदीपक

5 मार्च 2022
17
10
2

आज फिर नानी, मामा और मामी के साथ आ गईं। वैसे तो कोई नई बात नहीं है। नानी का आना जाना तो लगा ही रहता है, और ऐसा भी नहीं है कि उनका आना मुझे पसंद ना

5

सिलेंडर वाला ठग

6 मार्च 2022
16
12
1

आज तो बहुत थक गई.... उफ़! ये मेरी कमर.... सुबह से हाथ बंद नहीं रहा

6

शादी या समझौता

10 मार्च 2022
17
9
1

ग्रहों की भूल है या तकदीर का खेल। किसे दोष दें....गलती खुद की थी या अपनें बड़ों की। जिंदगी तो उसकी बर्बाद हो ही गई ना...... बिस्तर पर लेटे-लेटे छत पर टकटकी लग

7

एक मासूम जान

11 मार्च 2022
12
10
1

बात उस समय की है जब मैं सातवीं या आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। सुबह सुबह का टाइम

8

पसीने की खुशबू

11 मार्च 2022
8
6
1

कॉलेज में आज उत्सव का माहौल था। छात्र- छात्राएं, शिक्षक- शिक्षिकाएं सभी अपने- अपने कामों में व्यस्त थे। पूरे हॉल में सजावट की गई थी। जगह-जगह गुब्बारे और रिबिन से पूरा हाॅल

9

प्रयोगशाला में हुआ विस्फोट

12 मार्च 2022
9
8
3

केमिस्ट्री की लेब में प्रक्टिकल चल रहा था। सभी स्टूडेंट बिजी थे अपनी-अपनी टेबल के सामने खड़े प्रक्टिकल करने में, कि अचानक एक छोटा सा विस्फोट हुआ और आवाज आई--&n

10

उदास मुस्कुराहट

12 मार्च 2022
9
6
0

पूरे गांव में आज हलचल थी। हर व्यक्ति की जुबान पर दीनानाथ का नाम था। हर कोई उसकी तारीफ कर रहा था। दीनानाथ के पिता की खुशियों का ठिकाना न था। अपने बेटे पर

11

रिश्तों का न्याय

13 मार्च 2022
8
8
1

"सामने वाली छत पर कौन है? पहले तो कभी नहीं देखा यहाँ" छत पर टहलते हुए अचानक सिम्मी की नजर सामने वाले घर की छत पर

12

शापित गोला

24 मार्च 2022
6
4
2

बचपन से ही बहुत शरारती थी मनु। कुछ ना कुछ खुराफ़ात चलती रहती थी उसके दिमाग में। कभी वह छोटों को परेशान करती तो कभी बड़ों की टांग खिंचाई करती थी।

13

छम छम पायल

24 मार्च 2022
5
3
2

जाने कब से ये नया शौक पाल लिया था संध्या ने, बजने वाले घुंघरू की पायल पहनने का। एक दिन वो बाजार गई तो वहां उसे वो पायल पसंद आयीं। उसने पायल खरीद ली और घर आकर प

14

रेशमा

7 अप्रैल 2022
3
2
1

गेहूं की बोरी पीठ पर लादे हुए मनोहर चंद ही कदम चल पाया था कि अचानक उसके कदम लड़खड़ाने लगे। आंखों के सामने अंधेरा छा ग

15

कबाड़े वाला

11 अप्रैल 2022
5
4
3

"काॅपी, किताब, पेपर की रद्दी बेचो" "लोहा, प्लास्टिक, टीन-टप्पर बेचो" "टूटा, फूटा सामान बेचो" "कबाड़ा बेचो ...... विनीता ने जैसे ही आवाज सुनी वह अपना काम छोड़कर दरवाजा खोलकर बाहर आई और गली में इधर उधर न

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