27 जनवरी 2022
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जिंदगी की जुस्तजू और मन में उठते भाव, कोई नजरअंदाज करे कोई सुने लेकर चाव, एक प्रसंग पढ़कर ही न विचार बनाइयें, पूरी पुस्तक पढ़कर खुद को तो दोहराइए, जो गुम न हुए खुद में ही तो हमे बताएं, सच कहे क्या इन भावो से आप खुद भी बच पाएं, यदि पसंद आये तो हौसला अफजाई कर, अगली पुस्तक पर भी प्रकाश डाले, हम सबकी जिंदगी कहानी किस्सों सी, जहां खुद ही ढूंढ रहे अंधेरो में उजाले....D
सयोंग ओर वियोग कि प्रकृति से हमको प्रकाश ओर अंधकार की प्राप्ति होती है अंधकार में हम प्रकाश की संभावनाए ढूढते हे प्रकाश में हम भूल जाते हे की अंधेरा भी होगा इन दोनो के बीच का समय संध्या काल होता है जिसमे दिन का रात में ओर रात का दिन में मिलन होता है बस यही बो छड़ होता हे जब कुछ प्रकृति में से प्रगट होता हे .........
27 जनवरी 2022