6 जनवरी 2022
268 फ़ॉलोअर्स
जिंदगी की जुस्तजू और मन में उठते भाव, कोई नजरअंदाज करे कोई सुने लेकर चाव, एक प्रसंग पढ़कर ही न विचार बनाइयें, पूरी पुस्तक पढ़कर खुद को तो दोहराइए, जो गुम न हुए खुद में ही तो हमे बताएं, सच कहे क्या इन भावो से आप खुद भी बच पाएं, यदि पसंद आये तो हौसला अफजाई कर, अगली पुस्तक पर भी प्रकाश डाले, हम सबकी जिंदगी कहानी किस्सों सी, जहां खुद ही ढूंढ रहे अंधेरो में उजाले....D
बहुत बेहतरीन कविता लिखी है आपने बार-बार पढ़ने को दिल करता है मां का अक्स हमेशा बेटी में होता है जो आपकी कविता से भी उजागर हुआ है बहुत-बहुत बधाई 🎉🎉🎉👏👏👏
7 जनवरी 2022
बहुत सुंदर लिखा मीनाक्षी बधाई आपको दैनिक प्रतियोगिता में स्थान पाने हेतु 💐💐💐🙏
7 जनवरी 2022
Bahut khub
7 जनवरी 2022
Superb Likha aapne 👏👏👏
6 जनवरी 2022