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उसे कह न पाया

14 नवम्बर 2015

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दुख यही था, जो सह न पाया

समय पर तुमको मैं, कुछ कह न पाया

याद मुझे तेरा जब-जब आया

आँसुओ को मैंने जाम बनाया ।


किया महशुस, तूने जब-जब सताया

तेरा प्यार पर, मैं न पाया

हुआ दर्द पर, मैं न बताया

तूने मुझे जब-जब है सताया ।


दुख यही था, जो सह न पाया

तेरे साथ कुछ समय न बिताया

यही बात है अब मुझे सताया

क्यों तेरे संग कुछ समय न बिताया ।


करता हूँ प्यार यह मैंने न जताया

दर्द की जुबां तू समझ न पाया

कितना तूने है मुझे सताया

पर मेरे मन को तो, तू है भाया ।


दुख यही था, जो सह न पाया

समय पर तुझसे कुछ कह न पाया

मेरा ख्याल भी तुझे न आया

आंखो की बते तू समझ न पाया ।


दुख यही था, जो सह न पाया

समय पर तुमसे कुछ, मैं कह न पाया

याद मुझे तेरा जब-जब आया

आँसुओ को मैंने जाम बनाया।


-संदीप कुमार सिंह ।

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रचनाएँ
sandeepsangrah
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