उसके अल्फाज, मेरे प्रेम की कहानी है
उसका एहसास, मेरे इश्क की निशानी है
मुझे मालूम है कि, अब वो मेरे पास नहीं
कमबख्त मेरे दिल को, बस यही परेशानी है
कैसे बतलाऊं जाते-जाते, वो कितना रोई थी
उसके आंखों से जो छलका, आज वही पानी है
उसका वादा था मेरे बाद, तुम्हें जीना है
मेरे हर दर्द और गम को, तुम्हे पीना है
मेरे महबूब तेरे इश्क में रवानी है
तूने जो अंत में बोला, मैंने हर बात वही मानीहै
हां मैंने हर बात वही मानी है
यही परेशानी है यही परेशानी है...
निस्वार्थ लेख...