ज़िन्दगी
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यही जज्बा रहा तो मुश्किलों का हल भी निकलेगा जमीं बंजर हुई तो क्या वहीं से जल भी निकलेगा ना हो मायूस ना घबरा अंधेरों से मेरे साथी इन्हीं रातों के दामन से सुनहरा कल भी निकलेगा
बिना संघर्ष के कोई महान नहीं बनता पत्थर पर जबतक चोट ना पड़े तबतक पत्थर भी भगवान् नहीं बनता