shabd-logo

वन्दे मातरम और उसका हिन्दी अर्थ-

25 दिसम्बर 2015

140789 बार देखा गया 140789
featured image


वन्दे मातरम का हिंदी मीनिंग -

वन्दे मातरम का हिंदी में क्या अर्थ है - जैसे हर देश का एक गीत होता है , उसी तरह हमारे देश का भी राष्ट्रीय गीत " वन्दे मातरम " है |

जिसको हमारे देश में बहुत महत्व दिया जाता है ,यह एक ऐसा गीत है जो लोगो में राष्ट्र प्रेम की भावना को जगाता है | यह गीत बंकिम चंद्र चटर्जी ने लिखा था , इस गीत को बंकिम चंद्र चटर्जी के उपन्यास आनंदमठ से लिया गया है | वन्दे मातरम को 1882 में प्रकाशित किया गया था | उसके बाद 1950 में स्वतंत्रता मिलने के बाद इसे संविधान सभा में राष्ट्रीय गीत के तौर पर स्वीकार कर लिया गया |आज़ादी के पहले और आज़ादी के बाद भी वन्दे मातरम गीत ने सभी को एक जुट करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है , इसलिए हमें वन्दे मातरम का हिंदी मीनिंग पता होना चाहिए , तो चलिए जानते हैं , वन्दे मातरम का अर्थ -


सन्तकोटिकंठ-कलकल-निनादकराले

द्विसप्तकोटि भुजैर्धृतखरकरबाले

अबला केनो माँ एतो बले।

बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं

रिपुदल वारिणीं मातरम्!



तुमि विद्या तुमि धर्म

तुमि हरि तुमि कर्म

त्वम् हि प्राणाः शरीरे।

बाहुते तुमि मा शक्ति

हृदये तुमि मा भक्ति

तोमारइ प्रतिमा गड़ि मंदिरें-मंदिरे।



त्वं हि दूर्गा दशप्रहरणधारिणी

कमला कमल-दल विहारिणी

वाणी विद्यादायिनी नवामि त्वां

नवामि कमलाम् अमलां अतुलाम्

सुजलां सुफलां मातरम्!

वन्दे मातरम्!



श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषिताम

धमरणीं भरणीम् मातरम्।


1.

हे माँ मैं तेरी वन्दना करता हूँ

तेरे अच्छे पानी, अच्छे फलों,

सुगन्धित, शुष्क, उत्तरी समीर (हवा)

हरे-भरे खेतों वाली मेरी माँ।


2.

सुन्दर चाँदनी से प्रकाशित रात वाली,

खिले हुए फूलों और घने वृ़क्षों वाली,

सुमधुर भाषा वाली,

सुख देने वाली वरदायिनी मेरी माँ।



3.

तीस करोड़ कण्ठों की जोशीली

आवाज़ें,

साठ करोड़ भुजाओं में तलवारों को

धारण किये हुए

क्या इतनी शक्ति के बाद भी,

हे माँ तू निर्बल है,

तू ही हमारी भुजाओं की शक्ति है,

मैं तेरी पद-वन्दना करता हूँ मेरी माँ।



4.

तू ही मेरा ज्ञान, तू ही मेरा धर्म है,

तू ही मेरा अन्तर्मन, तू ही मेरा लक्ष्य,

तू ही मेरे शरीर का प्राण,

तू ही भुजाओं की शक्ति है,

मन के भीतर तेरा ही सत्य है,

तेरी ही मन मोहिनी मूर्ति

एक-एक मन्दिर में,



5.

तू ही दुर्गा दश सशस्त्र भुजाओं वाली,

तू ही कमला है, कमल के फूलों की बहार,

तू ही ज्ञान गंगा है, परिपूर्ण करने वाली,

मैं तेरा दास हूँ, दासों का भी दास,

दासों के दास का भी दास,

अच्छे पानी अच्छे फलों वाली मेरी माँ,

मैं तेरी वन्दना करता हूँ।



6.

लहलहाते खेतों वाली, पवित्र, मोहिनी,

सुशोभित, शक्तिशालिनी, अजर-अमर

मैं तेरी वन्दना करता हूँ।


वन्दे मातरम को लता मंगेशकर ने 1952 में गाया था |

......................................

.......................................

23 जनवरी 2019

13 जनवरी 2017

चंद्रेश विमला त्रिपाठी

चंद्रेश विमला त्रिपाठी

अत्यंत रोचक एवं सार्थक जानकारी हेतु बहुत-बहुत धन्यवाद !

26 दिसम्बर 2015

ओम प्रकाश शर्मा

ओम प्रकाश शर्मा

वन्देमातरम !

25 दिसम्बर 2015

1

सच

23 अक्टूबर 2015
0
4
2

भारत से जुड़े ये 13 कड़वे सचआपको सोचने पर ज़रूर मजबूरकर देंग-चाय की दुकान पर बैठ कर 5 रुपए का न्यूज़ पेपर लेकरकर बड़ी-बड़ी बातें करना तो जैसे हम सबकाजन्मसिद्ध अधिकार है. पर जब बात हो कुछ करनेकितो सबका बस एक ही जबाव होता है. “ये अपनाकाम नहीं है, जिसका है वो इसे ढंग से नहीं करता”.आज हम कुछ ऐसी ही बाते आपसे

2

बेटियां

23 अक्टूबर 2015
0
8
1

कोई चेहरा है कोमल कली का,रूप कोई सलोनी परी का ।इनसे सिखा सबक जिंदगी का,बेटिया तो है लम्हा ख़ुशी का ।ये अगर है तो रोशन जहा है,ये जमीने है और आसमा है ।है वजूद इनसे ही आदमी का,बेटिया तो है लम्हा ख़ुशी का |हमने रब को तो देखा नहीं,पर नूर ये है खुदा का जमी पर ।एक एहसास है रौशनी का,बेटिया तो है लम्हा ख़ुशी का

3

सत्य वचन

23 अक्टूबर 2015
0
8
4

"सिर्फ आसमान छू लेना ही कामयाबीनही होती है !असलीकामयाबी तो वो है कि आसमान भी छू लोऔर पैर भी जमीन पर हों..!!"."जो हो गया उसे सोचा नही करते,जो मिल गया उसेखोया नही करते,हासिल उन्हें होतीहै सफलता,जो वक्त और हालात पर रोया नहींकरते !!"."घड़ी की सुई अपने नियम सेचलती है ,इसीलिए सब उसका विश्वासकरते हैं !आप भ

4

प्रेरक प्रसंग

23 अक्टूबर 2015
0
6
0

अमरीका में एक अमीरपाकिस्तानी,एक bar में प्रवेश करता है।गर्व से ऐलान करता है कि वह बडा खुशनसीब हैऔर शराबघर के परिचालक (bartender) सेकहता है-“मेरी तरफ़ से यहाँ सब मौजूद लोगों को एक एकपैग पिलाओ”फिर एक कोने में एक हिन्दुस्तानी को देखकर कहाबारटेँडर से“सबके लिए, पर उस कम्बख्त हिन्दुस्तानी केलिए नहीं”हिन्द

5

यह इंडिया है मेरे यार!

23 अक्टूबर 2015
0
7
2

1) हम बेटियों की पढ़ाई से ज्यादाउनकी शादी पर खर्च करते हैं।2) हम एक ऐसे देश में रहते हैं जहां पुलिसवालों को देखकर हम सुरक्षित महसूसकरने की बजाय घबरा जाते हैं।3) IAS एग्जाम में एक शख्स 'दहेज : एकसामाजिक बुराई' विषय पर 1500 शब्दोंका बेहतरीन लेख लिखता है। सबकोप्रभावित करता है और एग्ज़ाम पास करलेता है।

6

मानसिकता

24 अक्टूबर 2015
0
5
2

बेटी निकलती है तो कहतेहो छोटे कपडे पहन कर मतजाओ ....पर बेटे सेनहीं कहतेहो कि नज़रों मे गंदगी मतलाओ....बेटी से कहतेहो कि कभी घरकि इज्जत ख़राब मतकरना ...बेटे सेक्यों नहीं कहतेकि किसी के घर कि इज्जतसे खिलवाड़नहीं करना ...हर वक़्तरखते हो नज़र बेटी के फ़ोनपर ...पर येभी तो देखो बेटा क्या करता हैइंटरनेट पर

7

कथा

24 अक्टूबर 2015
0
2
1

एक बार की बात है किसी गाँव में एक पंडितरहता था । वैसे तो पंडित जी को वेदों औरशास्त्रों का बहुत ज्ञान था लेकिन वह बहुत ग़रीबथे ।ना ही रहने के लिए अच्छा घर था और ना हीअच्छेभोजन के लिए पैसे ।एक छोटी सी झोपड़ी थी,उसी में रहते थे और भिक्षा माँगकर जो मिलजाता उसी से अपना जीवन यापन करते थे ।एक बार वह पास के

8

एक अनुरोध आप सब से........!!!

25 अक्टूबर 2015
0
3
0

आपसे वो अपील रहा हूँ जो कोई न्यूज़ चैनल या कोई सुपरस्टार नही करेगा !!!!!"इस दीपावली मिट्टी के दीये ही जलाये"आपका छोटा सा प्रयास हज़ारो भूखे पेट को अन्नदेगा|

9

अतुलनीय भारत

25 अक्टूबर 2015
0
2
1
10

परिवर्तन

25 अक्टूबर 2015
0
4
0

"देश कुछ इस तरह भी बदलने लगा है कि.... लोग गाय चराने में शर्म...और... कुत्ता घुमाने में गर्व...करने लगे हैं...!"

11

सच्चाई

25 अक्टूबर 2015
0
6
3

वृद्धाआश्रम में माँ बाप को देखकरसब लोग बेटो कोही कोसते है,लेकिन दुनिया वाले ये कैसे भूल जाते हैं की वहा भेजने मे किसी की बेटी का ही अहम रोल होता है..!वरना लोग अपने माँ बाप को शादी के पहले ही वृद्धाश्रम क्यों नही भेजते।संस्कार बेटियों को भी दें ताकि कोई बेटों को ना कोसे।यह कड़वा है पर सत्य है।

12

लौह पुरूष

31 अक्टूबर 2015
0
6
0

जो मुस्कुरा रहा है, उसे दर्द ने पाला होगा..जो चल रहा है, उसके पाँव में छाला होगा..बिना संघर्ष के इन्सान चमक नही सकता यारों..!जो जलेगा उसी दिये में तो, उजाला होगा..!!सरदार पटेल और यूनिटी का एक बड़ा नाता है।वो नाता जो करोड़ों भारतीयों को एक सूत्र में पिरोता है।वो नाता जिसकी वजह से करोड़ों भारतीय पाकिस

13

दीपावली

11 नवम्बर 2015
0
2
1

दीपावली का अर्थ है दीपोंकी पंक्ति। दीपावली शब्द‘दीप’ एवं ‘आवली’ की संधिसे बना है। आवली अर्थात पंक्ति, इस प्रकारदीपावली शब्द का अर्थ है,दीपों की पंक्ति। भारतवर्ष में मनाएजाने वाले सभी त्यौहारों मेंदीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनोंदृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सवभी कहते हैं। ‘तमसो मा ज्योत

14

जरा सोचिये इस बारे में......

17 नवम्बर 2015
0
4
1

एक बार एक भारतीय U.S.A घूमने गया। इसी दौरान वह California पहुंचा । वहां पे उसे एक अमेरिकन से दोस्ती ही गयी जिसका नाम मार्क था। दोनों अच्छे दोस्त बन गए और बहुत सारी बाते होने लगी अपने अपने देश के बारे में।तब भारतीय ने पूछा मार्क ये goggle कब लॉन्च हुआ था।मार्क ने बताया की 4 फ़रवरी 2004 को कैलिफ़ॉर्निया

15

आखिर क्या है असहिष्णुता का अर्थ, जिसने मचा रखा है बवाल

27 नवम्बर 2015
0
5
2

असहिष्णुता को लेकर बहस चारों ओर चलरही है लेकिन सही मायनों में असहिष्णुता शब्द कामतलब क्या है और इसका प्रयोग किस लहजे मेंकिया जाता है यह जानना भी जरूरी है। पत्रिकाउत्तरप्रदेश की टीम ने विद्वानों से जाना आखिरक्या है असहिष्णुता।एक धर्म के इर्द-गिर्द घूम रही है बहसलखनऊ यूनिवर्सिटी में हिंदी डिपार्टमेंट

16

नेहरू जी के नेशनल हेराल्ड का काला इतिहास आैर हेराल्ड घोटाला

23 दिसम्बर 2015
0
2
0

नेशनल हेराल्ड अखबार की शुरुआत 9 सितंबर, वर्ष1938 में लखनऊ से हुई थी। अखबार के मास्ट हेड पर लिखा गयाथा कि 'स्वतंत्रता खतरे में है, सभी के साथ इसकी रक्षा करनीहै।' अंग्रेजी में इसका मतलब है कि Freedom is in Peril,Defend it with All Your Might. जब इस अखबार की शुरुआतहुई तो इसके पहले संपादक पूर्व प्रधानमं

17

डॉ. अब्दुल कलाम के महान विचार

23 दिसम्बर 2015
0
6
0

Quote 1 : इससे पहले की सपने सच हो आपको सपने देखने होंगे।Quote 2 : सपना वो नहीं है जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही नहीं आने दे।Quote 3 : इंतज़ार करने वालो को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते है।Quote 4 : एक अच्छी पुस्तक हज़ार दोस्तों के बराबर होती है जबकि एक अच्

18

हमारे अटल जी

25 दिसम्बर 2015
0
4
4

टूटे हुए सपनों की सुने कौन सिसकी?अंतर को चीर व्यथा पलकों पर ठिठकीहार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगाकाल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूंगीत नया गाता हूं.वाजपेयी (अटल बिहारी) की यह वहप्रिय कविता है, जो जीवन में आगे बढ़ने, कभी हारनहीं मानने और लड़ने के लिए प्रेरित करती है. यहवह कविता है जिसने राजनीतिज्ञों स

19

अटल बिहारी वाजपेयी के अनमोल विचार

25 दिसम्बर 2015
0
3
1

1:Global interdependence today means that economic disasters in developing countries could create a backlash on developed countries..आज वैश्विक निर्भरता का अर्थ यह है कि विकासशील देशों में आई आर्थिक आपदाएं विकसित देशों में संकट ला सकती हैं 2 :In the euphoria after the Cold War, there wasa misplaced

20

वन्दे मातरम और उसका हिन्दी अर्थ-

25 दिसम्बर 2015
2
11
5

वन्दे मातरम का हिंदी मीनिंग - वन्दे मातरम का हिंदी में क्या अर्थ है - जैसे ह

21

राष्ट्रगान का हिन्दी अर्थ -

25 दिसम्बर 2015
0
6
0

जन गण मन अधिनायक जय हे,(हे भारत के जन गण और मन के नायक (जिनके हम अधीन हैं))भारत-भाग्य-विधाता(आप भारत के भाग्य के विधाता हैं)पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा,(वह भारत जो पंजाब, सिंध , गुजरात, महाराष्ट्र)द्वाविड़, उत्कल, बंग(तमिलनाडु , उड़ीसा, और बंगाल जैसे प्रदेश से बना है)विन्ध्य, हिमाचल, यमुना-गंगा,(जहाँ

22

नव वर्ष- २०१६

1 जनवरी 2016
0
5
2

एक बार पुनः नूतन वर्ष 2016में हम सभी प्रवेश कर रहे हैं….….मेरी ईश्वर से प्रार्थना है की आप सभी के लिए यह वर्षमंगलमय एवं सुखकारी हो….….नव वर्ष 2016 के आगमन के प्रति हमारे मन में जो रोमांचहोता है….….वह एक नई सुबह के आने का द्योतक है….….नव वर्ष द्योतक है… पिछली गलतियों को भूलने एवं नईशुरुआत करने का….….

23

राष्ट्रीय युवा दिवस

12 जनवरी 2016
0
7
0

भारत के एक महान चिंतक, महानदेशभक्त, दार्शनिक, युवा सन्न्यासी, युवाओं के प्रेरणास्रोत औरएक आदर्श व्यक्तित्व के धनी थे। भारतीयनवजागरण का अग्रदूत यदि स्वामी विवेकानंद को कहा जाए तो यहअतिशयोक्ति नहीं होगी। अगर आज तक कोई शख़्सियत है जिसने भारतीय युवाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है तो वो हैं स्वामी विव

24

सोच बदलो देश बदलेगा

22 नवम्बर 2016
0
2
0

रोज़ कुछ न कुछ होता रहता है हमारे देश मैं , कुछ नहीं हो सकता इस देश का बोल कर बस न्यूज़ देखतेरहते है और फिर अपने अपने काम मैं लग जाते है सब लोग। यही देखते बड़े हुए हम लोग औरयही करते भी आ रहे हैं।जब हमछोटे थे दुनिया बदलने के लिए कुछ करूंगा यहीसोचा करते थे , फिर थोड़ा बड़ा हुये

25

26/11: ख़ौफ़ और ख़ून के वे 60 घंटे जिससे दहल गया था पूर देश

26 नवम्बर 2016
0
2
0

मुंबई पर 26 नवंबर 2008 के हमलों को भला कौन भूलसकता है. ये वो तारीख थी जब पूरा देशआतंकी हमले की वजह से सहमगया था. मुंबई शहर में हर तरफ दहशत और मौत दिखाई देरही थी. आज उस हमले को भलेही आठ साल बीत गए हों लेकिन उसहमले की याद आज भी हमें डरादेती है.किस तरह 10हमलावरों ने मुंबई को

26

6 छोटी-छोटी कहानियाँ

1 जून 2017
0
3
2

( 1 ) एक बार गाँव वालों ने यह निर्णय लिया कि बारिश ☔के लिए ईश्वर से प्रार्थना करेंगे , प्रार्थना के दिन सभी गाँव वाले एक जगह एकत्रित हुए , परन्तु एक बालक अपने साथ छाता भी लेकर आया । इसे कहते हैं आस्था

27

हमारे अन्नदाता की मन की बात

2 जून 2017
0
0
0

_एक बार ज़रूर पढ़े_एक किसान की मन की बात:-कहते हैं..इन्सान सपना देखता हैतो वो ज़रूर पूरा होता है.मगरकिसान के सपनेकभी पूरे नहीं होते।बड़े अरमान और कड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है, और जब तैयार हुई फसल को बेचने मंडी जाता है।बड़ा खुश होते हुए जाता है...बच्चों से कहता है...आज तुम्हारे लिये नये कपड़े लाऊं

---

किताब पढ़िए