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दीपावली

11 नवम्बर 2015

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featured imageदीपावली का अर्थ है दीपों की पंक्ति। दीपावली शब्द ‘दीप’ एवं ‘आवली’ की संधि से बना है। आवली अर्थात पंक्ति, इस प्रकार दीपावली शब्द का अर्थ है, दीपों की पंक्ति। भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए’ यह उपनिषदों की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। दीपावली कैसे शुरु हुई , अलग-अलग मान्यताए- पौराणिक- भगवान राम का चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटना- त्रेतायुग में भगवान राम रावण को हराकर और चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात अयोध्या वापस लौटे तब अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से उल्लसित था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीए जलाए, यह थी भारतवर्ष की पहली दीपावली। * जिस दिन श्री राम अयोध्या लौटे, उस रात्रि कार्तिक मास की अमावस्या थी अर्थात आकाश में चाँद बिल्कुल नहीं दिखाई देता था। ऐसे माहौल में अयोध्यावासियों ने भगवान राम के स्वागत में पूरी अयोध्या को दीपों के प्रकाश से जगमग करके मानो धरती पर ही सितारों को उतार दिया। तभी से दीपावली का त्यौहार मनाने की परम्परा चली आ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज भी दीपावली के दिन भगवान राम, लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ अपनी वनवास स्थली चित्रकूट में विचरण कर श्रद्धालुओं की मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। यही कारण है कि दीपावली के दिन लाखों श्रद्धालु चित्रकूट में मंदाकिनी नदी में डुबकी लगाकर कामद्गिरि की परिक्रमा करते हैं और दीप दान करते हैं। * कृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का वध दीपावली के एक दिन पहले चतुर्दशी को किया था। इसी खुशी में अगले दिन अमावस्या को गोकुलवासियों ने दीप जलाकर खुशियाँ मनाई थीं। दीपावली से जुड़े कुछ और रोचक तथ्य है, जो इतिहास के पन्नों में अपना विशेष स्थान बना चुके हैं। इस पर्व का अपना ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व भी है, जिस कारण यह त्योहार किसी खास समूह का न होकर संपूर्ण राष्ट्र का हो गया है। * त्रेतायुग में भगवान राम जब रावण को हराकर अयोध्या वापस लौटे, तब श्रीराम के आगमन पर दीप जलाकर उनका स्वागत किया गया और खुशियां मनाई गईं। * यह भी कथा प्रचलित है जब श्रीकृष्ण ने आततायी नरकासुर जैसे दुष्ट का वध किया, तब ब्रजवासियों ने अपनी प्रसन्नता दीपों को जलाकर प्रकट की। * राक्षसों का वध करने के लिए मां देवी ने महाकाली का रूप धारण किया। राक्षसों का वध करने के बाद भी जब महाकाली का क्रोध कम नहीं हुआ, तब भगवान शिव स्वयं उनके चरणों में लेट गए। भगवान शिव के शरीर के स्पर्श मात्र से ही देवी महाकाली का क्रोध समाप्त हो गया। इसी की याद में उनके शांत रूप लक्ष्मी की पूजा की शुरुआत हुई। इसी रात इनके रौद्र रूप काली की पूजा का ही विधान है। * महाप्रतापी तथा दानवीर राजा बलि ने अपने बाहुबल से तीनों लोकों पर विजय प्राप्त कर ली, तब बलि से भयभीत देवताओं की प्रार्थना पर भगवान विष्णु ने वामन रूप धारण कर प्रतापी राजा बलि से तीन पग पृथ्वी दान के रूप में मांगी। महाप्रतापी राजा बलि ने भगवान विष्णु की चालाकी को समझते हुए भी याचक को निराश नहीं किया और तीन पग पृथ्वी दान में दे दी। * विष्णु ने तीन पग में तीनों लोकों को नाप लिया। राजा बलि की दानशीलता से प्रभावित होकर भगवान विष्णु ने उन्हें पाताल लोक का राज्य दे दिया, साथ ही यह भी आश्वासन दिया कि उनकी याद में भू-लोकवासी प्रत्येक वर्ष ‍दीपावली मनाएंगे। * कार्तिक अमावस्या के दिन सिखों के छठे गुरु हरगोविंदसिंहजी बादशाह जहांगीर की कैद से मुक्त होकर अमृतसर वापस लौटे थे। * कृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का वध दीपावली के एक दिन पहले चतुर्दशी को किया था। इसी खुशी में अगले दि अमावस्या को गोकुलवासियों ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थीं। * 500 ईसा पूर्व की मोहनजोदड़ो सभ्यता के प्राप्त अवशेषों में मिट्टी की एक मूर्ति के अनुसार उस समय भी दीपावली मनाई जाती थी। उस मूर्ति में मातृ- देवी के दोनों ओर दीप जलते दिखाई देते हैं। * बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध के समर्थकों एवं अनुयायियों ने 2500 वर्ष पूर्व गौतम बुद्ध के स्वागत में हजारों-लाखों दीप जलाकर दीपावली मनाई थी। * सम्राट विक्रमादित्य का राज्याभिषेक दीपावली के दिन हुआ था इसलिए दीप जलाकर खुशियां मनाई थीं। * ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में रचित कौटिल्य अर्थशास्त्र के अनुसार कार्तिक अमावस्या के अवसर पर मंदिरों और घाटों (नदी के किनारे) पर बड़े पैमाने पर दीप जलाए जाते थे। * अमृतसर के स्वर्ण मंदिर का निर्माण भी दीपावली के ही दिन शुरू हुआ था। * जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर ने दीपावली के दिन ही बिहार के पावापुरी में अपना शरीर त्याग दिया। महावीर-निर्वाण संवत् इसके दूसरे दिन से शुरू होता है इसलिए अनेक प्रांतों में इसे वर्ष के आरंभ की शुरुआत मानते हैं। * दीपोत्सव का वर्णन प्राचीन जैन ग्रंथों में मिलता है। कल्पसूत्र में कहा गया है कि महावीर-निर्वाण के साथ जो अंतरज्योति सदा के लिए बुझ गई है, आओ हम उसकी क्षतिपूर्ति के लिए बहिर्ज्योति के प्रतीक दीप जलाएं। * पंजाब में जन्मे स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुआ। इन्होंने दीपावली के दिन गंगातट पर स्नान करते समय 'ओम' कहते हुए समाधि ले ली। * महर्षि दयानन्द ने भारतीय संस्कृति के महान जननायक बनकर दीपावली के दिन अजमेर के निकट अवसान लिया। इन्होंने आर्य समाज की स्थापना की। * दीन-ए-इलाही के प्रवर्तक मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल में दौलतखाने के सामने 40 गज ऊँचे बाँस पर एक बड़ा आकाशदीप दीपावली के दिन लटकाया जाता था। बादशाह जहाँगीर भी दीपावली धूमधाम से मनाते थे। * मुगल वंश के अंतिम सम्राट बहादुर शाह जफर दीपावली को त्योहार के रूप में मनाते थे और इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेते थे। * शाह आलम द्वितीय के समय में समूचे शाही महल को दीपों से सजाया जाता था एवं लाल किले में आयोजित कार्यक्रमों में हिन्दू-मुसलमान दोनों भाग लेते थे।
प्रियंका शर्मा

प्रियंका शर्मा

बेहद रोचक जांकारियाँ ...

14 नवम्बर 2015

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सच

23 अक्टूबर 2015
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भारत से जुड़े ये 13 कड़वे सचआपको सोचने पर ज़रूर मजबूरकर देंग-चाय की दुकान पर बैठ कर 5 रुपए का न्यूज़ पेपर लेकरकर बड़ी-बड़ी बातें करना तो जैसे हम सबकाजन्मसिद्ध अधिकार है. पर जब बात हो कुछ करनेकितो सबका बस एक ही जबाव होता है. “ये अपनाकाम नहीं है, जिसका है वो इसे ढंग से नहीं करता”.आज हम कुछ ऐसी ही बाते आपसे

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बेटियां

23 अक्टूबर 2015
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कोई चेहरा है कोमल कली का,रूप कोई सलोनी परी का ।इनसे सिखा सबक जिंदगी का,बेटिया तो है लम्हा ख़ुशी का ।ये अगर है तो रोशन जहा है,ये जमीने है और आसमा है ।है वजूद इनसे ही आदमी का,बेटिया तो है लम्हा ख़ुशी का |हमने रब को तो देखा नहीं,पर नूर ये है खुदा का जमी पर ।एक एहसास है रौशनी का,बेटिया तो है लम्हा ख़ुशी का

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सत्य वचन

23 अक्टूबर 2015
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"सिर्फ आसमान छू लेना ही कामयाबीनही होती है !असलीकामयाबी तो वो है कि आसमान भी छू लोऔर पैर भी जमीन पर हों..!!"."जो हो गया उसे सोचा नही करते,जो मिल गया उसेखोया नही करते,हासिल उन्हें होतीहै सफलता,जो वक्त और हालात पर रोया नहींकरते !!"."घड़ी की सुई अपने नियम सेचलती है ,इसीलिए सब उसका विश्वासकरते हैं !आप भ

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प्रेरक प्रसंग

23 अक्टूबर 2015
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अमरीका में एक अमीरपाकिस्तानी,एक bar में प्रवेश करता है।गर्व से ऐलान करता है कि वह बडा खुशनसीब हैऔर शराबघर के परिचालक (bartender) सेकहता है-“मेरी तरफ़ से यहाँ सब मौजूद लोगों को एक एकपैग पिलाओ”फिर एक कोने में एक हिन्दुस्तानी को देखकर कहाबारटेँडर से“सबके लिए, पर उस कम्बख्त हिन्दुस्तानी केलिए नहीं”हिन्द

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यह इंडिया है मेरे यार!

23 अक्टूबर 2015
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1) हम बेटियों की पढ़ाई से ज्यादाउनकी शादी पर खर्च करते हैं।2) हम एक ऐसे देश में रहते हैं जहां पुलिसवालों को देखकर हम सुरक्षित महसूसकरने की बजाय घबरा जाते हैं।3) IAS एग्जाम में एक शख्स 'दहेज : एकसामाजिक बुराई' विषय पर 1500 शब्दोंका बेहतरीन लेख लिखता है। सबकोप्रभावित करता है और एग्ज़ाम पास करलेता है।

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मानसिकता

24 अक्टूबर 2015
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बेटी निकलती है तो कहतेहो छोटे कपडे पहन कर मतजाओ ....पर बेटे सेनहीं कहतेहो कि नज़रों मे गंदगी मतलाओ....बेटी से कहतेहो कि कभी घरकि इज्जत ख़राब मतकरना ...बेटे सेक्यों नहीं कहतेकि किसी के घर कि इज्जतसे खिलवाड़नहीं करना ...हर वक़्तरखते हो नज़र बेटी के फ़ोनपर ...पर येभी तो देखो बेटा क्या करता हैइंटरनेट पर

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कथा

24 अक्टूबर 2015
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एक बार की बात है किसी गाँव में एक पंडितरहता था । वैसे तो पंडित जी को वेदों औरशास्त्रों का बहुत ज्ञान था लेकिन वह बहुत ग़रीबथे ।ना ही रहने के लिए अच्छा घर था और ना हीअच्छेभोजन के लिए पैसे ।एक छोटी सी झोपड़ी थी,उसी में रहते थे और भिक्षा माँगकर जो मिलजाता उसी से अपना जीवन यापन करते थे ।एक बार वह पास के

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एक अनुरोध आप सब से........!!!

25 अक्टूबर 2015
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आपसे वो अपील रहा हूँ जो कोई न्यूज़ चैनल या कोई सुपरस्टार नही करेगा !!!!!"इस दीपावली मिट्टी के दीये ही जलाये"आपका छोटा सा प्रयास हज़ारो भूखे पेट को अन्नदेगा|

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अतुलनीय भारत

25 अक्टूबर 2015
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परिवर्तन

25 अक्टूबर 2015
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"देश कुछ इस तरह भी बदलने लगा है कि.... लोग गाय चराने में शर्म...और... कुत्ता घुमाने में गर्व...करने लगे हैं...!"

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सच्चाई

25 अक्टूबर 2015
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वृद्धाआश्रम में माँ बाप को देखकरसब लोग बेटो कोही कोसते है,लेकिन दुनिया वाले ये कैसे भूल जाते हैं की वहा भेजने मे किसी की बेटी का ही अहम रोल होता है..!वरना लोग अपने माँ बाप को शादी के पहले ही वृद्धाश्रम क्यों नही भेजते।संस्कार बेटियों को भी दें ताकि कोई बेटों को ना कोसे।यह कड़वा है पर सत्य है।

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लौह पुरूष

31 अक्टूबर 2015
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जो मुस्कुरा रहा है, उसे दर्द ने पाला होगा..जो चल रहा है, उसके पाँव में छाला होगा..बिना संघर्ष के इन्सान चमक नही सकता यारों..!जो जलेगा उसी दिये में तो, उजाला होगा..!!सरदार पटेल और यूनिटी का एक बड़ा नाता है।वो नाता जो करोड़ों भारतीयों को एक सूत्र में पिरोता है।वो नाता जिसकी वजह से करोड़ों भारतीय पाकिस

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दीपावली

11 नवम्बर 2015
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दीपावली का अर्थ है दीपोंकी पंक्ति। दीपावली शब्द‘दीप’ एवं ‘आवली’ की संधिसे बना है। आवली अर्थात पंक्ति, इस प्रकारदीपावली शब्द का अर्थ है,दीपों की पंक्ति। भारतवर्ष में मनाएजाने वाले सभी त्यौहारों मेंदीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनोंदृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सवभी कहते हैं। ‘तमसो मा ज्योत

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जरा सोचिये इस बारे में......

17 नवम्बर 2015
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एक बार एक भारतीय U.S.A घूमने गया। इसी दौरान वह California पहुंचा । वहां पे उसे एक अमेरिकन से दोस्ती ही गयी जिसका नाम मार्क था। दोनों अच्छे दोस्त बन गए और बहुत सारी बाते होने लगी अपने अपने देश के बारे में।तब भारतीय ने पूछा मार्क ये goggle कब लॉन्च हुआ था।मार्क ने बताया की 4 फ़रवरी 2004 को कैलिफ़ॉर्निया

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आखिर क्या है असहिष्णुता का अर्थ, जिसने मचा रखा है बवाल

27 नवम्बर 2015
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असहिष्णुता को लेकर बहस चारों ओर चलरही है लेकिन सही मायनों में असहिष्णुता शब्द कामतलब क्या है और इसका प्रयोग किस लहजे मेंकिया जाता है यह जानना भी जरूरी है। पत्रिकाउत्तरप्रदेश की टीम ने विद्वानों से जाना आखिरक्या है असहिष्णुता।एक धर्म के इर्द-गिर्द घूम रही है बहसलखनऊ यूनिवर्सिटी में हिंदी डिपार्टमेंट

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नेहरू जी के नेशनल हेराल्ड का काला इतिहास आैर हेराल्ड घोटाला

23 दिसम्बर 2015
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नेशनल हेराल्ड अखबार की शुरुआत 9 सितंबर, वर्ष1938 में लखनऊ से हुई थी। अखबार के मास्ट हेड पर लिखा गयाथा कि 'स्वतंत्रता खतरे में है, सभी के साथ इसकी रक्षा करनीहै।' अंग्रेजी में इसका मतलब है कि Freedom is in Peril,Defend it with All Your Might. जब इस अखबार की शुरुआतहुई तो इसके पहले संपादक पूर्व प्रधानमं

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डॉ. अब्दुल कलाम के महान विचार

23 दिसम्बर 2015
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Quote 1 : इससे पहले की सपने सच हो आपको सपने देखने होंगे।Quote 2 : सपना वो नहीं है जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही नहीं आने दे।Quote 3 : इंतज़ार करने वालो को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते है।Quote 4 : एक अच्छी पुस्तक हज़ार दोस्तों के बराबर होती है जबकि एक अच्

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हमारे अटल जी

25 दिसम्बर 2015
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टूटे हुए सपनों की सुने कौन सिसकी?अंतर को चीर व्यथा पलकों पर ठिठकीहार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगाकाल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूंगीत नया गाता हूं.वाजपेयी (अटल बिहारी) की यह वहप्रिय कविता है, जो जीवन में आगे बढ़ने, कभी हारनहीं मानने और लड़ने के लिए प्रेरित करती है. यहवह कविता है जिसने राजनीतिज्ञों स

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अटल बिहारी वाजपेयी के अनमोल विचार

25 दिसम्बर 2015
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1:Global interdependence today means that economic disasters in developing countries could create a backlash on developed countries..आज वैश्विक निर्भरता का अर्थ यह है कि विकासशील देशों में आई आर्थिक आपदाएं विकसित देशों में संकट ला सकती हैं 2 :In the euphoria after the Cold War, there wasa misplaced

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वन्दे मातरम और उसका हिन्दी अर्थ-

25 दिसम्बर 2015
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वन्दे मातरम का हिंदी मीनिंग - वन्दे मातरम का हिंदी में क्या अर्थ है - जैसे ह

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राष्ट्रगान का हिन्दी अर्थ -

25 दिसम्बर 2015
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जन गण मन अधिनायक जय हे,(हे भारत के जन गण और मन के नायक (जिनके हम अधीन हैं))भारत-भाग्य-विधाता(आप भारत के भाग्य के विधाता हैं)पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा,(वह भारत जो पंजाब, सिंध , गुजरात, महाराष्ट्र)द्वाविड़, उत्कल, बंग(तमिलनाडु , उड़ीसा, और बंगाल जैसे प्रदेश से बना है)विन्ध्य, हिमाचल, यमुना-गंगा,(जहाँ

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नव वर्ष- २०१६

1 जनवरी 2016
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एक बार पुनः नूतन वर्ष 2016में हम सभी प्रवेश कर रहे हैं….….मेरी ईश्वर से प्रार्थना है की आप सभी के लिए यह वर्षमंगलमय एवं सुखकारी हो….….नव वर्ष 2016 के आगमन के प्रति हमारे मन में जो रोमांचहोता है….….वह एक नई सुबह के आने का द्योतक है….….नव वर्ष द्योतक है… पिछली गलतियों को भूलने एवं नईशुरुआत करने का….….

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राष्ट्रीय युवा दिवस

12 जनवरी 2016
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भारत के एक महान चिंतक, महानदेशभक्त, दार्शनिक, युवा सन्न्यासी, युवाओं के प्रेरणास्रोत औरएक आदर्श व्यक्तित्व के धनी थे। भारतीयनवजागरण का अग्रदूत यदि स्वामी विवेकानंद को कहा जाए तो यहअतिशयोक्ति नहीं होगी। अगर आज तक कोई शख़्सियत है जिसने भारतीय युवाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है तो वो हैं स्वामी विव

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सोच बदलो देश बदलेगा

22 नवम्बर 2016
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रोज़ कुछ न कुछ होता रहता है हमारे देश मैं , कुछ नहीं हो सकता इस देश का बोल कर बस न्यूज़ देखतेरहते है और फिर अपने अपने काम मैं लग जाते है सब लोग। यही देखते बड़े हुए हम लोग औरयही करते भी आ रहे हैं।जब हमछोटे थे दुनिया बदलने के लिए कुछ करूंगा यहीसोचा करते थे , फिर थोड़ा बड़ा हुये

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26/11: ख़ौफ़ और ख़ून के वे 60 घंटे जिससे दहल गया था पूर देश

26 नवम्बर 2016
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मुंबई पर 26 नवंबर 2008 के हमलों को भला कौन भूलसकता है. ये वो तारीख थी जब पूरा देशआतंकी हमले की वजह से सहमगया था. मुंबई शहर में हर तरफ दहशत और मौत दिखाई देरही थी. आज उस हमले को भलेही आठ साल बीत गए हों लेकिन उसहमले की याद आज भी हमें डरादेती है.किस तरह 10हमलावरों ने मुंबई को

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6 छोटी-छोटी कहानियाँ

1 जून 2017
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( 1 ) एक बार गाँव वालों ने यह निर्णय लिया कि बारिश ☔के लिए ईश्वर से प्रार्थना करेंगे , प्रार्थना के दिन सभी गाँव वाले एक जगह एकत्रित हुए , परन्तु एक बालक अपने साथ छाता भी लेकर आया । इसे कहते हैं आस्था

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हमारे अन्नदाता की मन की बात

2 जून 2017
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_एक बार ज़रूर पढ़े_एक किसान की मन की बात:-कहते हैं..इन्सान सपना देखता हैतो वो ज़रूर पूरा होता है.मगरकिसान के सपनेकभी पूरे नहीं होते।बड़े अरमान और कड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है, और जब तैयार हुई फसल को बेचने मंडी जाता है।बड़ा खुश होते हुए जाता है...बच्चों से कहता है...आज तुम्हारे लिये नये कपड़े लाऊं

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