रोज़ कुछ न कुछ होता रहता है हमारे देश मैं , कुछ
नहीं हो सकता इस देश का बोल कर बस न्यूज़ देखते
रहते है और फिर अपने अपने काम मैं लग जाते है सब लोग। यही देखते बड़े हुए हम लोग औरयही करते भी आ रहे हैं।
जब हम
छोटे थे दुनिया बदलने के लिए कुछ करूंगा यही
सोचा करते थे , फिर थोड़ा बड़ा हुये तो पता
चला के दुनिया तो बहुत बड़ी है ,अपना लक्षय
थोड़ा छोटा करके सिर्फ देश बदलने के बारे मैं
सोचने लगे। समय बीता और बुद्धि की विकास
हुआ और समझ आया के देश बदलना भी कोई आसान
काम नहीं है। सिर्फ अपने और अपने घर के लोगो को
बदलने से शुरू कर सकते है। और बहुत कोशिशों के
बाद भी किसी को न बदल सके। अब जब समय बहुत
कम बचा है ज़िंदगी का , तो सोचते है सिर्फ
खुद पर लक्ष्य रखा होता तो शायद कुछ जरूर कर
पाता और मुझे देख कर और भी लोग हो सकता है
बदलने की कोशिश करते।"
कुछ और बदलने से पहले
खुद को बदलना होगा …
बाकि सब अपने आप बदलता चला जायेगा
हम दुनिया बदलने की बात तो करते है पर उसके
लिए प्रयास नहीं करते। इसकी शुरूआत खुद से ही
होती है कुछ और बदलने से पहले हमें खुद को
बदलना होगा, हमें खुद को तैयार करना होगा,
अपनी इच्छा शक्ति को फौलाद करना होगा…
और तभी हम वो हर एक बदलाव ला पाएंगे
जो हम सचमुच लाना चाहते हैं
ईसलिये पहले सोच बदलिये |
देश तो अपने आप बदलेगा ||