बात है उन दिनों की जब मैं कालेज में थी। फतेहपुर में BSc फाइनल year मे थी चूँकि मेरा घर यही था इसलिए मैं अपने घर से ही अपने कालेज आना जाना करती थी लेकिन मेरी कुछ सहेलियाँ जो फतेहपुर से बाहर के गांव से आती थी इसलिये वो लोग लॉज मे रहतीं थीं।**
**बात है हमारे कालेज के आखिरी दिनों की जब हम लोगों ने फाइनल exam लिखा था। मेरी दोस्तों मे सीमा, स्नेहा और रागिनी जो कि लॉज मे रहती थीं हम सबने वादा किया था कि जो exam मे सबसे अच्छे नंबर से पास होगी वो हम सबको पार्टी देगी।
**exam देकर सभी ल़डकियां अपने अपने गांव /घर चली गयी।**
**कुछ महीने के बाद जब रिजल्ट आया तब हमने देखा रागिनी सबसे अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण हुई है। रिजल्ट के बाद मेरी सभी मित्र फतेहपुर आ गयी थी सिवाय रागिनी के।**
**एक दिन हम सभी सहेलियाँ एक साथ रागिनी के लॉज गए तो देखा वो अपने रूम में ही थी, हमलोग पहले तो गुस्सा हुए उसपर कि क्यू वो college नहीं आयी और क्यूँ अपना मोबाइल बंद की हुई है? लेकिन रागिनी के चेहरे पर कोई तरह का रिएक्शन नहीं था,बस उसका एक जवाब था कि मैं अपना वादा पूरा करने आयी हूं आज तुम लोगों को अपने टॉप करने खुशी मे की पार्टी देने आयीं हूं। उसकी हरकत और बातें हम लोगों अजीब लग तो रही थी लेकिन पता नहीं क्यूँ हम लोग उससे ज्यादा कुछ नहीं पूछा रहे थे । एक बात और अजीब थी उस दिन कि वो जिस रूम में थी उस रूम मे बिल्कुल अंधेरा था और उसकी कोई रूम पार्टनर भी नहीं थी। और रागिनी एक कोने में बैठी थी जहा से वो हमारे जाने तक उठी भी नहीं जब हमने रागिनी से इस बारे में पूछा तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। बस इतना ही कहा उसने कि मैं अपना वादा पूरा करने आयीं हूं।**
**हम सबके लिए उसने सबके पसंद की चीजे मंगाई लॉज मे कोई हेल्पर थी उसने एक बड़ा सा थैला लाकर दिया जिसमें खाने की चीजे थीं।**
**मैं बचपन से अध्यात्म की डोर थामी हुई हूं शायद इसलिए मुझे शुरू से सब कुछ अजीब लग रहा था मैंने कई बार इशारों से अपनी दोस्तों को कहना भी चाहा लेकिन वो लोग कुछ समझ ही नहीं रही थी और सबके दिमाग में पार्टी का भूत सवार था।**
**लेकिन रागिनी का अंधेरे में होना और एक कोने से बाहर ना आना और उसका कुछ भी ना बोलना सिवा इस बात के कि वो सिर्फ हम लोगों को पार्टी देने आयी है बाते सबको खटकने लगी।**
**हम लोग handwash करने के बहाने से रूम से बाहर आए,माहौल में एक अजीब सा डर था। जिसको हम लोग clear नहीं कर पा रहे थे।**
**हमलोग बाहर ही थे तभी एक लड़की आयी और पूछी आप लोगो को किससे मिलना है तब हमने बताया हम यहा रागिनी ठाकुर से मिलने आए हैं लेकिन जब से उससे मिले हैं वो ना हमलोग के पास आ रही है और ना ठीक से बाते कर रहीं है ये सुन कर वो ल़डकी shocked हो गयी।**
**उसने कहा ऐसा कैसे हो सकता है ये सम्भव नहीं है??मैं रागिनी की रूम पार्टनर हूं, और पिछले सप्ताह ही गांव में रागिनी की एक एक्सीडेंट में मौत हो गई है।और जब से मुझे ये खबर मिली है मैं उस रूम में नहीं रह रही हूँ**।
**उसकी ये बाते सुनकर हम सभी के हाथ पांव कांपने लगे, हम सब स्तब्ध थे और पूरी तरह से सहमे हुए। दुःख था अपनी दोस्त को खोने का और समझ नहीं आ रहा था कि कुछ समय पहले जो कुछ भी हुआ हमारे साथ वो क्या था?? वो कौन थी??**
**हमारी बात सुनकर लॉज की ओनर को बुलाया गया, लॉज की बाकी ल़डकियां भी इकट्ठी हो गयी। हम सब जब उस रूम में गए तो वहाँ कोई नहीं था। ना खाने का समान ना वो ल़डकी और जो lady खाने का समान लेकर आयी थी उसके बारे में वहां कोई भी नहीं जानता था।**
**हम तीनों दोस्त समझ नहीं पा रहे थे कि वो हमारा वहम था या कोई अदृश्य शक्ति का खेल ? पर जो भी था वो याद करके भी सहम जाती हूँ हमारे प्रश्न प्रश्न ही रह गए। वो घटना आज भी याद करती हूं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं।