यह एक प्रेरणादायक लघु कथा एवं शायरी की संग्रह है, और शायरी की शृंखला भी है जो कि समान्य जीवन से ओतप्रोत है आप सब जरूर एक बार इसे पढे।
0.0(0)
4 फ़ॉलोअर्स
4 किताबें
इब्राहिम बल्ख के बादशाह थे। सांसारिक विषय- भोगों से ऊबकर वे फकीरों का सत्संग करने लगे। बियाबान जंगल में बैठकर उन्होंने साधना की । एक दिन उन्हें किसी फरिश्ते की आवाज सुनाई दी, ‘मौत आकर तुझे झकझोरे, इ
नारियल के पेड़ बड़े ही ऊँचे होते हैं और देखने में बहुत सुंदर होते हैं | एक बार एक नदी के किनारे नारियल का पेड़ लगा हुआ था | उस पर लगे नारियल को अपने पेड़ के सुंदर होने पर बहुत गर्व था | सबसे ऊँचाई पर बैठन
मेरी कलम✒️ की कदर उन्हें कहा होगी साहब वो कल्पनाओं में जीते है और मैं वास्तविकता लिखती हूं
कई सालों पहले की बात है। एक गांव में युधिष्ठिर नाम का एक कुम्हार रहा करता था। दिन में वह मिट्टी के बर्तन बनाता था और जो भी पैसे मिलते थे, उनसे शराब खरीद कर पी लेता।एक रात वह शराब के नशे में अपने घर
बीजापुर के सुल्तान इस्माइल आदिलशाह को डर था कि राजा कृष्णदेव राय अपने प्रदेश रायचूर और मदकल को वापस लेने के लिए हम पर हमला करेंगे। उसने सुन रखा था कि वैसे राजा ने अपनी वीरता से कोडीवडु, कोंडपल्ली, उ
विजयनगर के राजा कृष्णदेव राय को अद्भुत व विलक्षण चीजें संग्रह करने का बहुत शौक था।हर दरबारी उन्हें खुश रखने के लिए ऐसी ही दुर्लभ वस्तुओं की खोज में रहता था ताकि वह चीज महाराज को देकर उनका शुभचिंतक
मेरे जीवन मे बहुत सी ऐसी घटना हुई है जहां मुझे चैलेंज किया गया है कि मैं जीत नहीं पाऊँगी या ये जताया गया है कि मुझमे क़ाबिलियत नहीं है और कई बार परिस्थिति बिल्कुल मेरे विरोध में रही है और मैंने भी ह
प्यार तो सभी लोग करते हैं, लेकिन सच्चा प्यार मिल पाना बहुत आसान नहीं होता। सच्चे प्यार को दुर्लभ कहा गया है। आजकल लोगों के रिश्ते जितनी जल्दी बनते हैं, उतनी जल्दी टूट भी जाते हैं। अगर किसी रिश्ते क
बात है उन दिनों की जब मैं कालेज में थी। फतेहपुर में BSc फाइनल year मे थी चूँकि मेरा घर यही था इसलिए मैं अपने घर से ही अपने कालेज आना जाना करती थी लेकिन मेरी कुछ सहेलियाँ जो फतेहपुर से बाहर के गांव से