"औम व्यास देवायनमः". हम उस रियासत के वासी हैं जिसमें गंगा जैसी जीवनदायिनी सतलुज नदी बहती थी लेकिन हमें गोविंद सागर झील सता रही है। हम उस रियासत के वासी हैं जिसमें महर्षि वेदव्यास जी की जन्मस्थली तपोस्थली रही हैं, जिन्होंने चार वेद, अठारह पुराणों व 108 उपनिषदों का संपादन किया है।हम उस रियासत के वासी हैं जिसमें गंगा जैसी जीवनदायिनी सतलुज नदी बहती थी इसी के दोनों किनारों पर महर्षि वेदव्यास जी के शिष्यों के आश्रम गुरुकुल थे। महर्षि भारद्वाज के वंशज सांडा और माडा की जन्मभूमि रही है उन्ही के नाम पर सांडू मैदान का नामकरण हुआ है।इसी मैदान के चारों तरफ रियासत
बिलासपुर का मुख्यालय था।जो भाखड़ा बांध परियोजना बनने के बनी गोविंद सागर झील में क रियासत मुख्यालय सदा सदा जलमग्न हो चुका हैं