shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

यार जुलाहे...

गुलज़ार

0 अध्याय
0 लोगों ने खरीदा
0 पाठक
30 मई 2022 को पूर्ण की गई
ISBN : 9789352291786

अनगिनत नज़मों,कविताओं और गज़लों कि दुनिया है गुलज़ार के यहाँ। जो अपना सूफियाना रँग लिए हुए शायर का जीवन-दर्शन व्यक्त करत्ती है इस पुस्तक में लेखक अभिव्यक्ति में जहां एक ओर हमे कवि के अन्तर्मन कि महीन बुनावट कि जानकारी मिलती है,वहीं दूसरी ओर सूफियाना रनग लिए हुए लगभग निर्गुण कवियों कि बोली-बानी के करीब पहुँचने वाली आवाज़ या कविता का स्थायी फक्कड़ स्वभाव हमें एकबारगी उदासी में तब्दील होता हुआ नज़र आता है 

yaar julaahe

0.0(0)

पुस्तक की झलकियां

no articles);
अभी कोई भी लेख उपलब्ध नहीं है
---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए