पर्यावरण
प्रणाम मित्रों मैने देखा है कि मकरसंक्रान्ति के उपलक्ष्य में हमारे भाई बन्धु जगह -2 खिचडी भोज का आयोजन करके पुण्य कमा रहे हैं (या राजनीति चमका रहे हैं), पुण्य काम करना गलत नही है परंतु इस पुण्य के साथ अधर्म या पाप करने से बचने के लिये भी तो सोचना चाहिये! खिचडी, हलुआ-पूडी या चाय आदि बाँटकर हम