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दहेज़

11 अक्टूबर 2021

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दहेज़

सोहनलाल जी बहुत अमीर व्यक्ति थे ।उनका बहुत लंबा चौड़ा बिजनेस था। उनके एक ही बेटा था वह पढ़ने लिखने में ज्यादा होशियार नहीं था।सोहन लाल जी चाहते थे कि उनका बेटा उनके बिजनेस में हाथ बटाए लेकिन बेटे की इच्छा एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने की थी ।

सोहन लाल जी बेटे की खुशी के आगे चुप हो गए और डोनेशन देकर एक इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन करा दिया।

अब उनका बेटा सॉफ्टवेयर इंजीनियर है ।

सोहन लाल जी के घर रोज दो चार लोग बेटे की शादी के लिए लड़का देखने और बात पक्की करने आते हैं।

मुझे भी यह बात पता चली ।

मेरी सहेली अपने बेटी की शादी के लिए सोहनलाल जी के घर गई थी।

एक दिन मेरी बात उससे हुई ।

उसने बताया कि उसकी बेटी की शादी सोहनलाल जी के बेटे से  तय हो चुकी है ।

बात बात में पता चला  कि वह उन्हें बहुत तगड़ा दहेज दे रही है ।

मैंने कहा कि वह लोग अरबपति है तो उन्हें पैसे की ,दहेज की क्या जरूरत है ?

इस पर मेरी सहेली ने कहा कि अरे वे लोग  इतने अमीर हैं

इसलिए इतना दहेज तो ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर है ।

।यह शादी बड़ी मुश्किल से तय हुई है नहीं तो कितने लोग लाइन में खड़े थे ।

मेरी सहेली बहुत ही खुशी और उत्साह के साथ सारी बातें बता रही अतः मैंने चुप रहने में ही अपनी भलाई समझी।

लेकिन एक बात मेरे समझ में नहीं आ रही कि जब लोगों के पास इतने पैसे होते हैं उसके बावजूद भी लोग दहेज लेकर अपनी बेज्जती क्यों करवाते हैं क्यों करवाते हैं।

स्नेहलता पाण्डेय ,स्नेह'

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बहुत बढ़िया शानदार प्रस्तुति दीदी जी 👌🏻👌🏻💐💐🙏🏻

11 अक्टूबर 2021

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