एक गीला पत्ता उसके कंधे पर गिर गया जिससे वह डर के मारे उछल पड़ी। चौंक कर वह झाड़ी के पीछे अपने छिपने के स्थान से हट गई फिर भी वह पहली बार महसूस किए गए डर से कांप रही थी। उसके रौंगटे खड़े हो चुके थे तथा सांसे तेज चल रही थीं ... एक डर जिसकी भविष्यवाणी पहले से की गई थी लेकिन उसने जीवन भर उपेक्षा की। उसने सोचा कि वह आज के युग की आधुनिक संस्कृति में एक पली बढ़ी लड़की है।
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