ग़ज़ल
तेरा ख़याल मुझे बार बार आता है !इसी ख़याल से दिल को क़रार आता है !! जो देख लेता है एक बार तेरे चेहरे को !उसे बग़ैर पिये ही ख़ुमार आता है !! इसी उम्मीद पे हम जी रहे हैं मुद्दत से !कभी तो कह दे मेरा जाँ निसार आता है !! ख़ुशी के दीप जल उठते हैं दिल में ऐ "रौनक़" !मेरे लबों पे अगर ज़िक्रे यार आता है !! ~ प्रद