‘शादी बंदर मामा की’ किताब में निशांत जैन की बाल कविताएँ आपको बचपन की याद दिलाती हैं। अपने भीतर के बच्चे को जिंदा रखते हुए बच्चों के बचपन को कविता के रूप में पेश करने का उनका यह प्रयास शानदार ही नहीं, दिलचस्प और मजेदार भी है, जो कि आपको बचपन से लेकर किशोरावस्था तक के रोमांचक सफर पर ले जाता है|.
0 फ़ॉलोअर्स
6 किताबें