"घनाक्षरी छंद"आप भी महान हुए कुल के सुजान हुएनारी बीच सखी सारी मान तो बढ़ाइए।।मान लीजे शान गिरी नाचते कदम धिरीघुँघरू छटक टूटे उन्हें तो उठाइए।।तार तार जोर जोर सूत्र कड़ी उठे शोरगाँठ गाँठ मनिका पे हाथ तो लगाइए।।नयन मगन मन पुलक पलक धनतोर मोर कहाँ मोर भोर तो जगाइए।।सुब