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‘गज़ल” भीड़ का मजमा हुआ क्या कारवां हो जाएगा।।

hindi articles, stories and books related to ‘gazal” bhid ka majma hua kya kaarvan ho jayega।।


‘गज़ल” वक्त को मिलने गया शय आसमां हो जाएगा छल गया उस जगह जाकर क्या खुदा हो जाएगाआप की नाराजगी है जो शहर भाती नहींफेर कर भागे नयन क्या आईना हो जाएगा॥ भूल थी अपनी जगह राहें गईं अपनी जगहआदमी है आदमी क्या हौसला हो जाएगा।।छल कपट अपना नहीं तो हम भला करते ही क्यूँदुख रहा है दिल

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