“दोहे” गंगोत्री यमुनोत्री, बद्रीनाथ केदार चारोधाम विराजते, महिमा शिव साकार॥-1 माँ पार्वती ने दिया, अपना घर उपहार आ बैकुंठ विराजिए, ममता विष्णु दुलार॥-2स्वर्गलोक की छावनी, देव भूमि यह धाम ब्रम्हा विष्णु महेश को, बारंबार प्रणाम॥-3दर्शन करके तर गए, पुर्वज सहित अनेक