shabd-logo

“गीतिका” गीत यादों की मधुर भाने लगी॥

hindi articles, stories and books related to “gitika” get yaadon ki madhur bhane lagi॥


“गीतिका” ऋतु बसंती रूठ कर जाने लगी कंठ कोयल राग बिखराने लगीदेख री किसका बुलावा आ गया छाँव भी तप आग बरसाने लगी॥ मोह लेती थी छलक छवि छाँव कीअब सजन सी रूठ तरसाने लगी॥ लुप्त होती जा रही प्रति गाँव कीथी गज़ब रंगत हवा गाने लगी॥हो चला कितना निराला साजनामहफ़िलें अब चमन दिखलाने लग

संबंधित टैग्स

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए