भाग -3
तहखाने से धन मिलने की घटना को आज 5 साल हो गए हैं। रणवीर का गांव आज विश्व के श्रेष्ठतम गांवों में माना जाता है। खुद आज रणवीर विश्व के श्रेष्ठतम उद्योगपतियों में से है। तहखाने से मिले धन में से उस समय 20% खर्च हुआ था। आज उसके बदले रणवीर ने 40% वापस तहखाने में सोने के रूप में जमा कर दिया है। आज उसने तहखाने के समस्त धन को सोने की ईंटों के रूप में बदल दिया है। इससे तहखाने का रखरखाव बहुत ही सरल हो गया है।
रणवीर का गांव आज स्वर्ग सा लगता है। जहां का हर व्यक्ति स्वस्थ, सुखी, बलवान, व अमीर है। विश्व की आधुनिकतम हर सुविधा आज उसके गांव में उपलब्ध है। फिर भी वहां का हर व्यक्ति ईश्वर भक्त व सरल है। आज उसके गांव में एक अच्छे शहर व एक अच्छे गांव की सभी आधुनिक तकनीकी सुविधाएं हैं।
रणवीर के गांव में आज दो बाहर के व्यक्ति अपने परिवार के साथ आ रहे हैं। वह इस गांव में बसना चाहते हैं। रणवीर ने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया। और अपने गांव के हर परिवार के मुखिया को आदेश दिया कि हर परिवार 1-1 ट्रक ईंट व एक-एक लाख रुपये इन दोनों व्यक्तियों को दे। इस तरह बाहर के दोनों परिवार अमीर बन कर इस गांव में बस गए हैं।
आज रणवीर विश्व के सबसे बडे उद्योगपतियों में से एक है। उसने अफ्रीका की सरकारों से एक डील की।
अफ्रीका में उसने बड़े-बड़े फार्म हाउस और फैक्ट्रियां स्थापित की। वहां के भुखमरी से मर रहे लोगों को उसने रोटी, कपड़ा, मकान व रोजगार उपलब्ध करवाया।
महासागर में उसने एक द्वीप खरीदा और वहां के थोड़े से आदिवासियों को रोटी, कपड़ा, मकान व रोजगार दिया और उन्हें आधुनिक व सभ्य बनाया। उसने आदिवासियों के लिए एक सुंदर नगर का निर्माण किया। बाकी बची हुई जमीन पर उसने खेत, फैक्ट्री आदि स्थापित किये और एक ईश्वर की आराधना आदिवासियों को सिखाई।