।।आईये-खाना-खाइये।।--
(द्वारा:-कुमार मनीष)--
टोकरी में रखे,पके-पके;---
लाल-लाल टमाटर,---
हरी-हरी धनिया,मटर,---
और मिर्ची ;---
टेडी-मेड़ी-तिरछी;---
और बगल में खोया-पनीर,---
पास ही तैयार,---
पतीली में काजू वाली खीर;---
दो और सब्जियां,---
एक सूखी-एक रसीली;---
साथ में दाल वाली कचौड़ी,---
अच्छे से तली;---
काली मिर्च-लौंग-इलाइची,---
और ड्राई-फ्रूट्स वाले,---
बासमती चावल के पुलाव से;---
महक रहा किचिन,---
आईये-खाइये,खाते जाइए,---
बड़े चाव से;---
जार में बन्द खट्टे-मीठे-तीखे,---
अचार;---
और मिठाई के भी,---
कई प्रकार;---
और प्लेट में रंग-बिरंगा सलाद,---
सलाद पर काला नमक,---
बढ़ाता स्वाद;---
जायके के लिये बूंदी वाला,---
दही का रायता;---
ऐसा कि याद रहे कि कभी,---
खाया था।---
एक कढ़ाई में,---
छम-छम करती पूड़ी;---
दूसरी पापड़ तलने के लिए चढ़ी।---
सज गया खाना,---
कई खानों वाली थाली में;---
कटोरी-चम्मच-गिलास,---
स्टील वाली में;---
आईये-खाइये-खाते जाईये,---
तन और मन को,---
प्रसन्न कर जाईये।।---