"इस देश में सरकारी कर्मचारी काम नहीं करते भला कैसे..... अब रेलवे को ही ले लो भाजपा के आने से पहले रेलवे में 1600000 कर्मचारी काम करते थे और 2 साल में ही सारी ट्रेने रोबोट चला रहे हैं..मेन्टेनेस रोबोट संभाल रहे हैं...स्टेशनों का सारा जिम्मा GPS प्रणाली द्वारा रोबोटों ने संभाल लिया है...हजारों टन माल ढुलाई के लिए और 1करोङ से ज्यादा नियमित पसेंजरो को ढोने का काम इतने अच्छे ढंग से कोई संभाल सकता है तो वो है भारतीय रोबोट ...जिनकी तनख्वाह बढे ना बढे कोई फर्क नहीं पङता क्योंकि उनकों भूख प्यास नहीं लगती उनका कोई घर परिवार तो है ही नहीं ...
2.अब बात करते हैं रक्षा अनुंसंधान क्षैत्र की बात दिन रात काम करके अंरीहत पन्डुब्बी ,प्रथ्वी मिशाइल,K-4 मिसाइल, तेजस लङाकु विमान बनाने वाले ये लोग जो रोबोटों की तरह दिन-रात काम करके इस देश का मान बचाये हुए हैं उनको सैलरी की कोई जरूरत ही नही है ...सुखा और मैला हो चुका राष्ट्रवाद उनका पेट भरने के लिए काफी है.....
3.अब बात करते हैं अन्तरीक्ष क्षैत्र में काम करने वाले रोबोटों की जिनकीं बदौलत हिन्दुस्तान जैसे दैश ने बिना आदमी उतारे चांद पर पानी खोज डाला...अमेरीका आदमी पहुचांकर भी एेसा नहीं कर पाया जिन्होंने मंगल जैसे ग्रहों तक उपग्रहों को पहुचा दिया...सरकार को एैसे रोबोटों से क्या लेना देना ...वो खराब होगें नये आ जाऐगें...पर उनको तनख्वाह से क्या लेना देना...रोबोट हैं जितना मर्ज़ी काम करवाओ....
4.अब रक्षा क्षैत्र की बात ...देश की सीमाओं की सुरक्षा जो 1100000रोबोट कर रहें हैं..कोई (-72 )सेल्सियस तापमान पर लेह में ..कोई जैसलमेर, बाढमेर की भयंकर 57 डीग्री झुलसाने वाली गरमी में..कोई असम ,त्रिपुरा मेघालय के जगंलों में तैनात...कोई छतीसगढ़ ,झारखण्ड के नक्सलीयों के साथ मुठभेड़ करता हुआ...कोई जम्मु कश्मीर में गोली खाता हुआ ...कोई समुन्द्रहों की जानलेवा हवाओं में पङा...ये जो रोबोट हैं ये बङे कमाल के हैं...ये जब खत्म हो जाते हैं तो सरकार तिरंगे को कफन बनाकर ..दो नकली आसुं बहाकर ..भूल जाती है..पर उनकी सैलरी नहीं बढाती क्योंकि वो कुछ काम ही नहीं करते...
5.और अब हमारे जैसे गले सङे रोबोट जिनका हजारों किलो वजन इधर से उधर करने के बाद शरीर का पुर्जा -पुर्जा दर्द के मारे चिंगाङने लगता है...ना हम किसी को अपनी व्वथा बता सकते है ,ना सुना सकते हैं..क्योंकि सरकार ने एक वेतन आयोग के नाम पर सबको एक झुनझुना पकङा दिया है ...बजाते रहो....थोङे दिनों में सब बिक जाएगा...विरोध करने पर जबान काट दी जाएेगी या तुम्हें खरीद लिया जाएगा....
--------- (विकास कश्यप)