कहते हैं कुछ लोग की, ये अंदाज़ शायराना है ! कहते हैं हम की, अब ठीक से पहचाना है !! दिल की तन्हाई का, अब तो ये ही अफ़साना है ! कहते हो फिर क्यूँ के, ये तो बस बहाना है !! फिर वही दिन, वही रोशनी, वही आसमा है ! जाने क्यूँ फिर भी यहाँ, कुछ तो विराना है !! वो मोहब्बत कहाँ