घबराहट और साहस दृढ़ता और शून्यता डबडबाई आँखें और खोने की हँसी … अजीब तालमेल है पर अक्सर किसी ढलान पर मिल जाते हैं !वह मुझे ऐसे ही ढलान पर मिली थी अनपढ़ समझदार अपने वजूद को तलाशती !आतंरिक जड़ें ईश्वरीय होती हैं उसकी भी हैं आँधी तूफ़ान को बेख़ौफ़ झेलना उसकी अनोखी शक्ति है मर्यादापुरुषोत्तम राम की भाँति समंद