एक की लाठी सत्य अहिंसा एक मूर्ति सादगी की,दोनों ने ही अलख जगाई देश की खातिर मरने की ...........................................................................जेल में जाते बापू बढ़कर सहते मार अहिंसा में ,आखिर में आवाज़ बुलंद की कुछ करने या मरने की ........................