"दोहावली"नमन शहीदों को नमन, नमन हिंद के वीर।हर हालत से निपटते, आप कुशल रणधीर।।-1नतमस्तक यह देश है, आप दिए बलिदान।गर्व युगों से आप पर, करता भारत मान।।-2रुदन करे मेरी कलम, नयन हो रहे लाल।शब्द नहीं निःशब्द हूँ, कौन वीर का काल।।-3राजनयिक जी सभा में, करते हो संग्राम।जाओ सीमा पर लड़ो, खुश होगी आवाम।।-4वोट
"विधा- दोहा"बादल है आकाश में, लेकर अपना ढंगइंद्रधनुष की नभ छटा, चर्चित सातों रंग।।-1दाँतों में विष भर चला, काला नाग भुजंग।नाम सुने तो डर गए, सर्प मुलायम अंग।।-2जीवन की अपनी व्यथा, हर जीवों के संग।इक दूजे को हम सभी, क्यों करते हैं तंग।।-3सरेआम होता गया, नियम नगर का भंग।कभी टूटते हैं महल, कभी झोपड़ी तं