नज़र मिलती है जब तुमसे तो तुम धीरे से हँसते होगुमां होता है ना तुमको तुम्हीं इस दिल में बसते होनशा होता है कुछ ऐसा मुहब्बत का तो दुनिया मेंपता होता है पीड़ा का मगर तुम फिर भी फँसते होलाख पहरे लगे हों दिल की सदा तो आ ही जाती हैमधुरता बढ़ती जाती है डोर जितना भी कसते होफक़त दूरी बढ़ाने से दूरियाँ बढ़ ना
मुहब्बत ना हो जब बीच में तो फिर बात क्या करेंतड़पे ना जो मिलन को उससे मुलाक़ात क्या करेंदिन ही जब इस शहर में मुश्किलों से गुज़रता होवहां किस के सहारे जी लें और कहो रात क्या करेंठंडी ओस की बूँदें भी चमक जाती हैं मोतियन सीअगर संग ही वो ना ठहरें तो फक़त पात क्या करेंजहाँ पत्थर के सनम हैं वहां खुशियां नहीं
धुंधली ना हो तस्वीर तू रंग इसके उभार देनज़रों के पास आ ज़रा किस्मत संवार देसूखी हैं सभी डालियाँ बरसी है ऐसी आगसावन की फुहारों को ला इनको बहार देचेहरे का नूर कुछ ना था इक साथ था तेराधोकर सभी मलिनता तू इसको निखार देतेरी मुहब्बतों का नशा हरदम कबूल थाआँखों से पिला दे मय मुझे फिर से खुमार देज़िल्लतों के
जिनमें सुकूं मिला मुझे वो लम्हें निकल गए सपनों के सभी आशियां धू धू हो जल गए चट्टान सा मिला ना मुझे रिश्ता कोई यहाँ मौसम गर्म हुआ तो सब हिंम से पिघल गए अपनों का साथ जिंदगी में ग़म का इलाज है वो क्या करें जिन्हें यहाँ अपने ही छल गए
तेरी नज़रों में छुपे प्यार को हम तो पा गएहम आबाद हैं उस दश्त में तुम ये दिखा गए तुम मिले तो इस धूप की जलन हुई है कममौसंम बदल गया है और बादल से छा गए चारों तरफ एक शोर है कुछ भी सूझता नहींयाद आते हैं वो ही गीत जो तुम गुनगुना गए यूँ तो भरी पडी पडी है ज़माने भर में नेमतेंपर एक तेरे अंदाज़ ही बस हमको लुभ
नैनों में नैन डाल सब जज्बात कह गएतेरे हुस्न के नशे में यारा हम तो बह गएखिलते नहीं है फूल सदा जीवन के बाग मेंसोच कर यही तो हम हर ग़म को सह गएसीढ़ी बना के हमने कभी इंसा को ना ठगापहुँचे ना शिखर पर तभी और नीचे रह गएअसली दीवानगी यहाँ कहने की बात हैसब खोखला मिला जो रिश्तों की तह गएमंजिल अगर मिले तो सफ़र नी
दबी है आत्मा उसका पुनः चेतन करो तुम नियम जो व्यर्थ हैं उनका भी मूल्यांकनकरो तुम परेशानी में हैं जो जन सभी को साथ ले कर व्यवस्था में सभी आमूल परिवर्तन करो तुमतुम्हें जो प्रेम हैं करते उन्हें ठुकरान देना समय फिर आए ना ऐसा कीआवेदन करो तुम