तेरी नज़रों में छुपे प्यार को हम तो पा गए
हम आबाद हैं उस दश्त में तुम ये दिखा गए
तुम मिले तो इस धूप की जलन हुई है कम
मौसंम बदल गया है और बादल से छा गए
चारों तरफ एक शोर है कुछ भी सूझता नहीं
याद आते हैं वो ही गीत जो तुम गुनगुना गए
यूँ तो भरी पडी पडी है ज़माने भर में नेमतें
पर एक तेरे अंदाज़ ही बस हमको लुभा गए
चेहरे तो दिल का आईना हैं बोलते हैं सच
मधुकर तेरी ख़ातिर हम हर इक गम छुपा गए
शिशिर मधुकर