11 अगस्त 2017
बातों से बात निकली और बातें बन गयीं ना तुम समझे ना हम समझे पर कहानी बन गयीजो कल तक थी दिल में हमारे वो आज खुली दास्ताँ बन गयीक़िस्से हमारे फैल रहे हैं अफ़वाओं की तरहचलो इसी तरह इन्हें मंज़िल तक पहुँचने की राह मिल गयी २२ जुलाई २०१७अबूज़ा