अगर नारी सम्मान की हक़दार है,तो पुरुष को भी सम्मान का अधिकार है,क्यों इतने लेख , कविता ये,और दिन नारियों के लिए बनाये जाते हैं,क्यों हर बार पुरुष ही गलत ठहराए जाते हैं,सत्य है की नारी बिना सूना ये संसार है,मगर पुरुष के बिना नारी भी तो बेकार है,चलती नहीं है दोनों के बि